भारत में 2022 में लघु उद्योग के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख सब्सिडी (राजसहायता) ( 15 Best Government Subsidy For Small Business In India in hindi)
नए व्यापार शुरू करने के लिए सरकार हर प्रकार से सहायता प्रदान कर रही है. इसे सब्सिडी कहते है. इसके लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार दोनों ने कई योजनाओं का संचालन किया है, जिससे छोटे व्यापार करने वालों के लिए अपने व्यापार को स्थापित करने के नए रास्ते खुल रहे है. इसके लिए सरकार ने एमएसएमई मंत्रालय की सहायता से ऋण देने के लिए कुछ सीमायें बनाई है. इतना ही नहीं सरकार ने इसके लिए सब्सिडी देने की भी व्यवस्था कर रखी है. इस लेख में हम आपको सरकार द्वारा की जाने वाली मदद के बारे में बताएंगे, एवं व्यापार सम्बन्धी सभी योजनाओं के बारे में जानकरी देंगे.
- क्रेडिट गारन्टी निवेश योजना (Credit Guarantee Fund Yojana or CGMSME in hindi)
- सूक्ष्म एवं छोटे उद्योगों को शुरू करने के लिए छोटे ऋण की आवश्यकता होती है, जो बिना किसी तीसरे पक्ष की सुरक्षा एवं कुछ जमीनी कागजों के बिना कोई भी बैंक आसानी से नहीं देता है. इस समस्या का समाधान करने हेतु सरकार इस योजना को प्रयोग में लायी है. जिसको सिर्फ भारतीय नागरिकों द्वारा देश के अंदर इस्तेमाल किया जा सकता है.
- सीजीएमएसएमई पूंजी योजना को सरकार पूरी तरह से 30 अगस्त सन् 2000 में घोषित कर चुकी है, इसका पूरा नाम क्रेडिट गारंटी सूक्ष्म एवं लघु उद्योग फण्ड योजना है. यह योजना सिर्फ भारत में बन रहे उद्योगों को स्थापित करने के लिए ही क्रेडिट प्रदान करती है.
- सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना में नए और पुराने दोनों उद्योगों को शामिल किया गया है. इस योजना की पूर्ण रूप से सफलता के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया गया है, जिसका नाम सीजीएफटी (क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट) है. इस ट्रस्ट को अच्छे से चलाने के लिए एमएसएमई के साथ साथ डेवलमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया फॉर स्माल इंडस्ट्री (एस आई डी बी आई ) को कारोभार सौंपा गया है.
- इस योजना के अंतर्गत सरकार ने पहले से ही कुछ नियमित ऋण देने की सीमा निर्धारित कर रखी है. जिसकी राशि सरकार द्वारा 100 करोड़ रूपए तक की निर्धारित की गयी है, जो आवेदनकर्ता को प्राप्त होगी.
- जिसकी पूर्ती के लिए केंद्र सरकार और एस आई डी बी आई दोनों मिलकर 4:1 के हिसाब से राशि प्रदान करेंगे. सरकार यह राशि उन कंपनियो को भी देगी जो बंद होने के बाद या कमजोर होते हुए अपना फिर से विकास करना चाहती हैं.
- छोटे स्तर पर जैविक खेती के लिए छूट (Organic farming subsidy)
- इस स्कीम में सरकार उन लोगों को सब्सिडी प्रदान करेगी, जो जैविक खाद, जैव उर्वरक एवं जैविक खेती आदि से सम्बंधित उत्पादों का निर्माण करना चाहते है. इस योजना को सरकार द्वारा पूरे देश भर में लागू किया गया है.
- डीएसी की जांच पूरी तरह से संपन्न हो जाने के बाद इस सब्सिडी के पैसे एनसीडीसी और एनएबीएआरडी के द्वारा आगे की जरूरतों को देखते हुए दिया जायेगा.
- इस योजना के लिए 50 प्रतिशत की छूट सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाएगी, इस राशि को सरकार बैंक की सहायता से आवेदक तक पहुंचाने का कार्य करेगी.
- वस्त्र उद्योग – तकनीकी अपग्रेडिंग फण्ड योजना (Textile Industries – Technology Upgradation Fund Scheme)
- इस योजना को टेक्सटाइल मंत्रालय ने शुरू किया एवं इसको अप्रैल सन् 1999 में पूरी तरह से लागू किया गया. इस योजना के तहत सरकार जूट उद्योग को भी सहायता प्रदान करेगी.
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में आर्ट संबंधी उद्योगों को बढ़ावा देना है, इस योजना में ऐसे लोगों को सहायता दी जाएगी, जो कलात्मक क्षेत्र में अपना व्यापार करना चाहते है. इतना ही नहीं सरकार ने डिज़ाइन एवं वस्त्र सम्बन्धी उद्योगों के लिए भी सब्सिडी देने का प्रावधान किया है.
- इसकी राशि सरकार द्वारा एक नियमित ब्याज दर पर दी जाती है, इसके अलावा 5 प्रतिशत की मदद सरकार द्वारा एफ सी एल के आधार पर ब्याज में होने वाले बदलाव को देखते हुए की जाएगी.
- एस एस आई को 15 % अतिरिक्त सब्सिडी एवं पावर लूम सेक्टर को 20 प्रतिशत क्रेडिट लिंक के साथ दी जाएगी, इसके साथ ही 10 प्रतिशत मशीनरी के लिए एवं 5 प्रतिशत ब्याज के भार को कम करने के लिए दी जाएगी.
- खाद्य उद्योग को बेहतर बनाने एवं स्थापना करने हेतू योजना (Scheme for Technology Upgradation/ Establishment for Food Processing Industries)
- खाद्य उद्योग को बेहतर बनाने एवं नए उद्योग स्थापित करने के साथ साथ इनको अपग्रेड करने के लिए सरकार ने इस योजना की घोषणा की है. इस योजना के अंतर्गत मुर्गीपालन, दूध, मांस,कृषि, भोजन, मछली पालन एवं फल समेत तमाम उद्योगों को शामिल किया गया है.
- भारतीय सरकार ने प्लांट एवं मशीनरी में 25 प्रतिशत राहत देने का वादा किया है, जो कि 25 से 50 लाख तक क्षेत्र के अनुसार दी जा सकती है. इस स्कीम मसाले,रंग, स्वाद जैसे कुछ और भी उद्योग शामिल किये गए है. जिससे खाद्य पदार्थों गुणवत्ता में और सुधार किये जा सके.
- चमड़ा उद्योग विकास योजना (Development of Leather Industry)
- इस योजना की सहायता से सरकार जूता एवं चप्पल बनाने वाले उद्योगों के साथ साथ उन सभी उद्योगों की मदद करेगी, जिनका प्रोडक्ट चमड़े से सम्बंधित है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में चमड़ा उद्योग को मजबूती देना है.
- इस स्कीम में सरकार सभी तरह की जरूरतों को देखकर कदम उठाएगी, इसमें नयी कम्पनी को स्थापित करने एवं पुरानी कंपनी को सहायता देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें यदि कोई कंपनी चाहती है कि उसका व्यापार और नए स्तर पर पहुंचे तो सरकार की तरफ से इसके लिए भी प्रावधन है.
- जो लोग चमड़ा उद्योग व्यापार को शुरु करना चाहते है, उसके लिए उन्हें सम्बंधित सरकारी कार्यालयों में अपने एवं कंपनी के डॉक्यूमेंट जमा कराने होंगे. सभी दस्तावेजों की जाँच होने के बाद ही इस योजना का लाभ उठाया जा सकेगा.
- इसके साथ आपको एन ओ सी सम्बंधित दस्तावेजों को भी जमा करने की आवश्यकता होती है. सरकार केवल उन्ही लोगों को फायदा पहुंचाएगी, जिनकी कंपनी पहले से ही स्थापित होगी, साथ में उनका नियमानुसार पंजीकरण भी होना जरुरी है.
क्रेडिट पाने हेतु सीएलसीएसएस (तकनीकी उपग्रडेशन और पूंजी लिंक्ड योजना)( Credit Linked Capital Subsidy)
- किसी भी उद्योग को सुचारु रूप से चलाने हेतु उसमे प्रयोग होने वाली तकनीकी में निरन्तर सुधार होना आवश्यक होता है. जिससे उद्योग की बाजार में वैल्यू बनी रहती है और प्रतियोगियों का सामना करने में मदद भी मिलती है.
- इस योजना को एस एस आई (लघु उद्योग) मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है, इसलिए छोटे उद्योगों को इसका लाभ उठाकर अपनी कंपनी को अपग्रेड करना चाहिए. इस योजना के आने से उद्योगों में कार्यक्षमता बढ़ने के काफी आसार है.
- इस प्रोग्राम में नई कंपनी खोलने वाले व्यापारियों को लगभग 15 प्रतिशत तक ही सब्सिडी मिलेगी, लेकिन इसकी सीमा को अधिकतम 15 लाख रूपए तक रखा गया है.
- इस योजना में सरकार ने बड़ी छोटी एवं लिमिटेड कंपनियों को भी लाभ लेने की अनुमति दे रखी है. इसमें स्टार्टअप्स करने वाले व्यापारी इस राशि का उपयोग अपनी मशीनरी एवं प्लांट को सुधारने में भी खर्च कर सकते है.
- एमएसएमई के लिए बाजार विकास योजना (Market Development Assistance Scheme)
- इस योजना के माध्यम से सरकार मार्केटिंग करने में मदद करेगी, अर्थात आयोजित होने वाले विभिन्न प्रकार के विश्व स्तरीय व्यापारिक मेलों एवं नई तकनीकी से सम्बंधित प्रदर्शनियों में शामिल होने के लिए आने वाले खर्च के लिए सब्सिडी देगी.
- इस योजना में सरकार निर्यात संगठनों द्वारा आयोजित मेलों में शामिल होने के लिए खर्च में राहत हेतु उद्यमियों को धनराशि देगी, यह राशि तब दी जाएगी, जब मेलें का अयोजन एमएसएमई करता है.
- भारत सरकार इसके लिए 75 प्रतिशत तक की राशि सब्सिडी के रूप में देगी, जिसको किसी भी कंपनी ने रजिस्ट्रेशन शुल्क या वार्षिक शुल्क के तौर पर जमा किया होगा. यह छूट या सब्सिडी सरकार केवल 3 साल तक देगी.
- एमएसएमई गुणवत्ता एवं तकनीकी उन्नति समर्थन योजना (Technology & Quality Upgradation Support for MSMEs)
- इस योजना के सहायता से सरकार एमएसएमई उद्योगों को उनके प्रोडक्ट की गुणवत्ता एवं तकनीकी में सुधार लाने की कोशिश में लगी है. इस योजना की पात्रता हेतु एमएसएमई में पंजीकरण या फिर आईएसओ का सर्टिफिकट होना जरुरी है.
- आवेदनकर्ता की कंपनी आईएसओ 9000-HACCP, आईएसओ 14001 सर्टीफिकेशन होना चाहिए, इसके बाद सरकार सब्सिड़ी प्रदान करेगी, जिसका मुख्य लक्ष्य तकनीकी को उन्नत बनाकर उत्पादन में बढ़ोत्तरी करना है. इतना ही नहीं सरकार इस योजना से ऊर्जा बचाने के साथ साथ व्यापार को विश्व एवं स्थानीय स्तर पर प्रबल बनाना चाहती है.
- प्रशिक्षण एवं उपकरण केंद्र योजना (Mini Tools Room and Training Centre Scheme)
- भारत सरकार ने योग्यता को निखारने के लिए पहले से ही काफी योजनाएं चला रखी है. इस योजना के जरिये सरकार के अधीन प्रशिक्षण एवं उपकरण केंद्र को सहायता प्रदान करने हेतु चलाया गया है. यदि कोई व्यक्ति इस केंद्र को खोलकर चलाना चाहता है, तो सरकार उसे सब्सिडी के रूप में आर्थिक सहायता देगी.
- इस स्कीम के अंतर्गत सरकार द्वारा 9 करोड़ या फिर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी लाभार्थी को दी जाएगी. उपकरणों को अपग्रेड करने के लिए इसकी राशि50 करोड़ तक निर्धारित की गई है, या फिर लाभार्थी को कुल लागत की 75 प्रतिशत राशि सब्सिडी के तौर पर मिलेगी.
- इस योजना की मदद से सरकार अच्छी प्रयोग शालायें खोलने एवं रोजगार के लिए इंजीनियर, मजदूर एवं अशिक्षित लोगों को नये रोजगार देने का प्रयत्न कर रही है. इससे उद्योगों में काम करने के तरीकों में बदलाव के साथ योग्य कर्मचारी मिलने की भी सम्भावना बढ़ेगी.
- एनएसआईसी की मदद से छोटे उद्योगों को सरकारी सब्सिडी (Overnment Subsidy for Small Business from NSIC)
- इस योजना में सरकार छोटी कम्पनियों को कच्चे माल को खरीदने में सहायता प्रदान करेगी, एवं दो तरह की सब्सिडी देगी, एक कच्चे माल हेतु एवं दूसरी मार्केटिंग में मदद के लिए.
- इसका उद्देश्य उच्च दर्जे का प्रोडक्ट बनाने की ओर कंपनियों को अग्रसर करना है. इस योजना द्वारा दी जाने वाली राशि कच्चे माल को खरीदने एवं देशी उत्पाद बनाने के लिए भी की जा सकती है.
- उत्पाद की मार्केटिंग के लिए भारत सरकार और एनएसआईसी दोनों मिलकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व्यापार उद्योगों की आर्थिक मदद करेंगे. इस योजना में सरकार उत्पाद गुणवत्ता एवं उत्पाद की मार्केटिंग दोनों पर समान रूप से ध्यान देगी.
- लघु उद्योग के लिए कोल्ड चेन सब्सिडी (Subsidy for Small Business for Cold Chain)
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य इनके ढांचे को मजबूती देकर इनको बाजार में स्थापित करना है. इस स्कीम की सहायता से सरकार कोल्ड चेन उद्योग को अपनी यूनिट को सुधारने और अधिक से अधिक ग्राहक जोड़ने के लिए पूरी तरह से आर्थिक सहायता प्रदान करेगी.
- इस योजना में ठंडक पैदा करने वाले यंत्रो का सुधार करने के लिए राशि प्रदान की जाएगी, जैसे कि पुराने कूलर, रीफेर वैन (ठंडक पैदा करने वाला ट्रक या गाड़ी), कूलिंग यूनिट आदि.
- इस योजना में सरकार कार्बनिक उद्योग, प्रोसेसिंग यूनिट, समुद्री उत्पाद उद्योग, मत्स पालन, एवं मांस सम्बन्धी सभी उद्योगों को आर्थिक मदद देगी, इन सब के अतिरिक्त एसएचसी, एनजीओ, एफपीओ, संगठन और समूहों को भी लाभ दिया जायेगा.
- नारियल उत्पादन इकाई विकास योजना या टीएमओसी) (Coconut Producing Units or TMOC)
- इस योजना को टीएमओसी द्वारा संचालित किया जा रहा है, इसको नारियल से सम्बंधित उत्पादन करने वाले उद्योगों में तकनीकी सुधार के लिए चलाया जा रहा है. नारियल विकास बोर्ड का मुख्य उद्देश्य तकनीकी में बदलाव एवं उच्च स्तर प्रदान करना है.
- यह योजना हर उस व्यक्ति को लाभ देगी, जो नारियल सम्बन्धी उद्योग स्थापित करना चाहता है, सरकार इस योजना में स्थानांतरित शुल्क के बदले प्रौद्योगिकी तकनीकी में मदद देगी.
- इस स्कीम में नारियल से जुड़े लगभग सभी व्यापारों को रखा गया है, इसमें प्रमुख रूप से नारियल पानी उद्योग, खाद्य व्यापार, नारियल तेल निर्माण, सूखे दूध उत्पाद एवं नारियल पावर जैसे उद्योगों को शामिल किया गया है.
- कृषि-समुद्री प्रोसेसिंग (सम्पदा) योजना (SAMPADA Scheme for Agro-Marine Produce Processing)
- सम्पदा योजना कृषि प्रोसेसिंग केंद्र एवं समुद्री उत्पाद विकास एवं उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई गयी है. इसके अनुसार नई एवं पुरानी खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनियों को समान रूप से केंद्रित किया गया है.
- इस योजना में सरकार ने किसानों के हित के लिए अच्छा खासा बजट तैयार किया है, जिसमे लगभग 6000 करोड़ की राशि का बजट है. इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है, इसके साथ ही खाद्य में बरबाद होने वाले पैसे बचाना चाहती है.
- डेयरी उद्योग में सरकारी छूट (Government Subsidy for Dairy Farming)
- डेयरी फार्म खोलने एवं फार्म को मजबूती देने को नाबार्ड सब्सिडी योजना के अंतर्गत रखा गया है. इस योजना में सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादन, पशु पालन, एवं जैविक खाद के उत्पादन में ध्यान दिया जायेगा.
- इस योजना में दूध के उत्पादन के साथ साथ पशु पालन जैसे खरगोश पालन या बकरी पालन आदि, गोबर गैस, कृषि उत्पादन आदि व्यवसाय पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जायेगा, अर्थात सरकार इस योजना से किसान को एक साथ, एक से अधिक व्यवसाय करने का अवसर प्रदान करेगी.
- बागवानी के लिए सब्सिडी (Government Subsidy for Horticulture)
- बागवानी के लिए सरकार ने सन् 1984 में एनएचबी का गठन किया, जिसका मुख्य उद्देश्य बागवानी एवं फसल रखरखाव में तकनीकी का इस्तेमाल करना एवं तकनीकी विकसित करना था.
- बागवानी में पैदा होने वाले उत्पाद की मार्केटिंग, प्रचार-प्रसार, संरचना एवं मैनेजमेंट में आने वाले खर्च के लिए सरकार ने इस योजना को सब्सिडी देने के लिए चलाया है. जिससे इस व्यापार को शुरू करने वाले को वित्तीय सहायता मिल सके.
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About Subsidy on paper cup industries, I want to know subsidy is applicable in that industries if applicable what’s its rate nd where we claim for subsisy
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Sir mere pass jagah ,pani bijli hai kya mujhe loan mil Sakta hai ,
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Sir muze mobile ke glasses bnane ka laghu udhyog shuru krna hai aur 5 lakh tk loan lena hai..
Muze loan milega kya..
Aur us pr subsidy kitni milegi..
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