Profitable Herbal Farming Business 2023: हर्बल खेती का व्यवसाय

हर्बल खेती क्या है, कैसे करें, फार्मिंग, प्रोडक्ट्स, फायदा (Herbal Farming Business, Medicinal Herbs, Cost, Profit, in India)

Profitable Herbal Farming Business कोरोनावायरस के इस दौर में यदि देखा जाए तो आज के समय में हर चीज इनफेक्टेड हो सकती है. इंफेक्शन और महामारी के इस संकट में जिस प्रकार लगातार संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यदि हम हर्बल चीजों की तरफ बढ़े तो ज्यादा बेहतर होगा. क्योंकि हर्बल चीजें मुख्य रूप से प्राकृतिक होती हैं तो हमें नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. तो आज हम आपको हर्बल खेती के बारे में विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं, कि किस तरह आप हर्बल खेती करके आसानी से एक बहुत बड़ा व्यवसाय कर सकते हैं. आने वाले समय में हर्बल खेती की मांग भी बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यदि आप हर्बल खेती करने का मन बना लेते हैं, तो हमारी यह पोस्ट आपके लिए बेहद सहायक सिद्ध होगी. तो चलिए हर्बल खेती के फायदे नुकसान और कैसे आपके लिए यह एक बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती है जान लेते हैं.

herbal farming business

Table of Contents

हर्बल खेती क्या है (What is Profitable Herbal Farming Business)

उत्पाद चाहे कोई भी हो आज के समय में सबसे आकर्षक उत्पाद हमें रासायनिक और केमिकल से मिले हुए ही लगते हैं. परंतु वे हमारे लिए कितने नुकसानदायक होते हैं, इस बात का अंदाजा भी आप नहीं लगा सकते हैं. उनकी जगह यदि हम हर्बल उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, तो शायद हमारा जीवन बेहद सुखद और पीड़ा रहित हो सकता है. जड़ी बूटी और औषधि युक्त पौधों को उगाना उनकी देखभाल करना ही हर्बल खेती कहलाता है. उनमें ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक करने में सक्षम होते हैं. साथ ही हर्बल प्रोडक्ट से हमारा आंतरिक सिस्टम मजबूत होता है और हम लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं.

छोटे शहर एवं गांव में कम लागत में सफलतापूर्वक शुरू किये जाने वाले कुछ लघु उद्योग की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.

हर्बल खेती के लिए प्रोडक्ट्स ( Products for Herbal Farming Business)

आइए कुछ ऐसे हर्बल प्रोडक्ट के बारे में जान लेते हैं, जो फायदेमंद होने के साथ-साथ आसानी से इनकी खेती का व्यवसाय भी हो शुरू किया जा सकता है-

एलोवेरा जेल :- प्राकृतिक रूप से प्राप्त एलोवेरा पूरी दुनिया में एक ऐसा पदार्थ है जो विभिन्न कार्यों में उपयोग में लाया जाता है. मुख्य रूप से इसके फायदे इसे पीने से भी प्राप्त होते हैं. यदि देखा जाए तो सौंदर्य प्रसाधन बनाने और व्यक्तिगत देखभाल के साथ-साथ चिकित्सक उत्पादों में भी एलोवेरा जेल का उपयोग किया जाता है. एलोवेरा की खेती का व्यवसाय कम पूंजी में छोटे स्तर से आरंभ किया जा सकता है.

एलोवेरा जूस :- एलोवेरा जूस का सेवन आपने अक्सर किया होगा लेकिन क्या आपको इसके फायदे पता है? आपको बता दें कि एलोवेरा जेल आपके बालों के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही आपका वजन घटाने के लिए बेहद लाभकारी होता है. दिन प्रतिदिन इसकी लोकप्रियता में बढ़ोतरी होती दिखाई दे रही है. एलोवेरा के जूस को घृतकुमारी सार के नाम से भी जाना जाता है. इसका रस प्राकृतिक होता है जो पुराने से पुराने दर्द और बीमारी को भी खत्म करने में सक्षम होता है.

तुलसी का तेल :- तुलसी का पौधा हमारे ग्रंथों में भी बेहद पवित्र बताया गया है परंतु क्या आप जानते हैं यह पवित्र और शुद्ध होने के साथ-साथ बेहद औषधीय भी है. तुलसी के पौधे से कुछ इस प्रकार के तेल निर्माण किए जाते हैं जो श्वसन प्रक्रिया में फायदेमंद होते हैं और साथ ही मांसपेशियों को मजबूत करने के भी काम आते हैं. तुलसी की पत्तियों से बना हुआ तेल मनुष्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है, और यह इतना शक्तिशाली मनुष्य को बना देता है कि वह जीवन पर्यंत किसी बीमारी का शिकार नहीं हो पाता. तुलसी की पत्तियों के साथ-साथ उसके तने और फूल में जो तेल पाया जाता है वह भी बेहद लाभकारी होता है. इसलिए आप तुलसी की खेती भी कर सकते हैं.

चवनप्राश:- सर्दियों में अक्सर आपने चवनप्राश का सेवन किया होगा लेकिन क्या आप जानते हैं, इसका उत्पादन भी बेहद सरल है. इम्यून सिस्टम के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाला यह चवनप्राश आसानी से छोटे स्तर पर बनाया जा सकता है. कुछ प्राकृतिक जड़ी-बूटियों की मदद से आसानी से इसका व्यवसाय आरंभ किया जा सकता है.

लॉन्ग पाउडर :- आपने अपनी रसोई घर में मुख्य रूप से लॉन्ग तो अवश्य देखी होगी, उसका पाउडर मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है. खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ हमारी खूबसूरती को बढ़ाने का काम भी लॉन्ग करती है. लॉन्ग में कुछ ऐसी हर्बल दवाई है, जिससे आप आसानी से अपनी त्वचा के दाग धब्बे दूर कर सकते हैं.

चाय :- प्रमुख मिश्रण से बनी चाय आज के समय में सबकी फेवरेट है. चाय मुख्य रूप से कई प्रकार से उपलब्ध होती है. जैसे काली चाय हरी चाय के बैग आदि. चाय एक ऐसी हर्बल औषधि है जो हमारे शरीर को आंतरिक रुप से स्वस्थ और सुदृढ़ बनाने का काम करती है.

मेहंदी :- आज के समय में चिंता और स्ट्रेस जैसी समस्याओं की वजह से जब लोगों के बाल का रंग उड़ जाता है और सफेद हो जाते हैं, तो उन्हें सबसे पहले हर्बल मेहंदी का ही ध्यान आता है. जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर तैयार की गई हर्बल मेहंदी वाकई में प्राकृतिक औषधि है, जो आसानी से हमारे बालों और त्वचा के साथ-साथ नाखूनों का ध्यान रखने के बेहद काम आती है.

हर्बल अगरबत्ती :- अगरबत्ती हमेशा ही धार्मिक कामों में उपयोग में लाई जाती है. ऐसे में यदि अगरबत्ती से सुगंध ना आए तो वह अगरबत्ती किसी काम की नहीं होती. लेकिन यदि आप विभिन्न प्रकार से बनी हुई हर्बल अगरबत्ती का इस्तेमाल करते हैं, तो वह बेहद लुभावने खुशबू देती है. हर्बल अगरबत्ती का व्यवसाय सामान्य अगरबत्ती की तुलना में बेहद कमाई वाला है, जिसे आप आसानी से आरंभ कर सकते हैं.

हर्बल कफ सिरप :- आपने अक्सर सुना होगा कि कफ सिरप पीने के बाद नींद आती है, परंतु भारत में कुछ ऐसे भी कफ सिरप मौजूद है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक वस्तुओं से बने होते हैं और पुरे हर्बल होते हैं. वे हमारी सेहत को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, और साथ ही हमारे लिए बेहद फायदेमंद भी होते हैं. हर्बल कप सिरप का व्यवसाय आरंभ करके आप कुछ ही दिनों में लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त करने के लिए सक्षम हो जाते हैं.

हर्बल फेशियल क्रीम :- त्वचा पर विभिन्न प्रकार के उत्पाद अपनाने के बाद जब समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो ऐसे में हर्बल फेशियल क्रीम जैसे सौंदर्य प्रसाधन ही दिमाग में आते हैं. मुख्य रूप से हर्बल सौंदर्य प्रसाधन एलोवेरा, तुलसी, हल्दी, ककड़ी आदि से बनाए गए होते हैं. जो चेहरे के दाग स्पॉट, मुंहासे, दाग – धब्बे, पिंपल्स दाग, सर्कल एजिंग, और झुर्रियां दूर करने में सहायक होते हैं.

हर्बल फेयरनेस क्रीम :- इस गंदगी धूल भरी और प्रदूषण भरी जिंदगी में जब मनुष्य अपना प्राकृतिक रंग खो देते हैं, तब उन्हें याद आते हैं फेयरनेस क्रीम से जुड़े प्रोडक्ट. यदि वह प्रोडक्ट हर्बल ना हो तो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा देते हैं. परंतु हर्बल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने के बाद हम आसानी से अपना प्राकृतिक रंग वापस पा सकते हैं.

हर्बल हेयर ऑयल :- बालों की समस्या से आज के समय में हर व्यक्ति परेशान हैं. ऐसे में बालों के विकास को लेकर चिंता होना लाजमी है. परंतु यदि हम कुछ मुख्य हर्बल उत्पाद का इस्तेमाल अपने बालों पर करते हैं तो हम आसानी से उन सभी समस्याओं से निजात प्राप्त करते हैं.

हर्बल साबुन :- आज के समय में आप साबुन के महत्वपूर्ण कार्य को समझ चुके होंगे क्योंकि कोरोना के इस दौर में जिस तरह से आपको साबुन, हैण्ड सैनिटाइजर, हैंड वॉश, फेस वॉश की आवश्यकता पड़ रही है, तो ऐसे उत्पाद रातोंरात मशहूर हो चुके हैं. दिन भर हाथ धोने की प्रक्रिया में यदि हम हर्बल वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें, तो यह तो लाजमी है कि हमारे हाथ और मुंह पर रिएक्शन होते हुए दिखाई देंगे. परंतु हर्बल वस्तुओं के ऐसे कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होते हैं और हम इन्हें निरंतर लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं.

आज के समय में बाजार में हर्बल खेती के बहुत सारे उत्पाद और भी मौजूद है जिसमें हर्बल काजल और आईलाइनर, हर्बल मच्छर निरोधक, हर्बल शैंपू, हर्बल शिकाकाई, हर्बल साबुन, हर्बल जोजोबा का तेल, नींबू घास का तेल, प्राकृतिक खाद्य रंग, प्राकृतिक वेनिला, विभिन्न प्रकार की वनस्पति, गुल मेहंदी का तेल, स्लिमिंग हर्बल कैप्सूल आदि.

हर्बल खेती के फायदे (Herbal Farming Business Benefits)

हर्बल खेती के जितने ज्यादा फायदे गिनाये जाए उतने कम है क्योंकि औषधीय गुण वाली यह जड़ी बूटियां सदैव ही प्रत्येक इंसान को फायदा देने का ही काम करती हैं. चाहे वह उत्पादक हो या उपभोक्ता. आइए आप हर्बल खेती के कुछ फायदे जान लेते हैं:-

– सबसे पहले तो हर्बल खेती का व्यवसाय छोटे पैमाने पर कम पूंजी के साथ आरंभ किया जा सकता है.

– हर्बल खेती में उपयोग किए जाने वाले सभी प्रकार के औजार और जरूरत का सामान आसानी से प्राप्त हो जाता है.

– हर्बल खेती के दौरान ज्यादा व्यक्तियों की आवश्यकता नहीं पड़ती है, इसलिए जो भी काम आप खुद से करेंगे उसका लाभ आपको ही प्राप्त होगा.

– हर्बल उत्पाद ज्यादा फायदेमंद होते हैं, ऐसे में लोग हर्बल प्रोडक्ट खरीदने के लिए आसानी से मान भी जाते हैं.

– आज के समय में हर्बल उत्पाद की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है, इसलिए इसका सबसे बड़ा फायदा उत्पादक को मिल सकता है.

कपड़े धोने के साबुन का व्यवसाय शुरू कर पैसे हजारों रुपते प्रतिमाह कमाने के लिए यहाँ क्लिक करें.

हर्बल खेती के व्यवसाय की बाजार में मांग (Market Demand of Herbal Farming Business)

जिस तरह आप किसी भी व्यवसाय को आरंभ करने से पहले बाजार में जांच-पड़ताल करते हैं, इसी प्रकार आपको हर्बल व्यवसाय आरंभ करने से पहले भी बाजार में निकल कर अपने व्यवसाय से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानना जरूरी है. ताकि आप व्यवसाय आरंभ करते समय और व्यवसाय आरंभ होने के बाद रणनीतियां बनाकर सही तरीके से काम करके सफलता प्राप्त कर सके.

हर्बल खेती के व्यवसाय की आवश्यक जानकारी

Herbal Farming Business आरंभ करने से पहले आपको जड़ी बूटियों का मूल ज्ञान होना आवश्यक है. यदि आपको जड़ी बूटियों का मूल ज्ञान ही नहीं होगा, तो आप आसानी से हर्बल उत्पाद का निर्माण नहीं कर पाएंगे. ऐसे में लोगों को इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता हैं, इसलिए हर्बल खेती से जुड़े सभी शैक्षणिक ज्ञान आपको प्राप्त कर लेने चाहिए.

छोटे किसान कृषि के कुछ व्यवसाय की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.

हर्बल खेती कैसे करें (How to do Herbal Farming)

सबसे पहले खेती के लिए आपको एक पर्याप्त जगह का चयन करना होगा. उसके बाद आपको यह देखना होगा कि जो पहले से खेती का काम कर रहे हैं, उनके पास जाकर उनसे उर्वरक और बीज से जुड़ी सभी जानकारी ले लेनी चाहिए. तत्पश्चात जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी भी आपको प्राप्त करनी चाहिए कि आपको आसानी से जड़ी बूटियां कहां से और कैसे मिल सकते हैं. खेती के सभी गुण प्राप्त करने के बाद आप आसानी से हर्बल खेती का व्यवसाय आरंभ कर सकते हैं.

हर्बल खेती के लिये स्थान का चयन (Herbal Farming Business Location)

खेती चाहे कोई भी हो उसके लिए हमें एक खुले स्थान की आवश्यकता होती है, जहां पर धूप हवा पानी सभी की व्यवस्था प्रचुर मात्रा में हो. इसलिए आपको अपनी खेती के लिए ऐसा स्थान का चयन करना चाहिए. जहां पर आपको यह सभी चीजें आसानी से मिल सके. और खेती करने की जगह बाजार के आसपास हो. ताकि उत्पाद का निर्माण करके उन्हें आसानी से बाजार तक पहुंचाया जा सके. और अपनी जरूरत का सामान भी आसानी से बाजार से लिया जा सके.

कम निवेश में रिसाइकिलिंग का व्यवसाय आइडियाज की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें.  

हर्बल खेती के व्यवसाय के लिए आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण ( Required License Registration)

जिस शहर और राज्य में आप अपना हर्बल व्यवसाय चलाना चाहते हैं वहां के राजस्व विभागों से संपर्क करके आवश्यक लाइसेंस अवश्य प्राप्त करें. हर्बल व्यवसाय के लिए एफडीए लेबलिंग से जुड़ी आवश्यकताओं का पालन करना अनिवार्य है. दवाओं के बजाय खाद्य पूरक पदार्थों में भी एफडीए लेबलिंग की आवश्यकता होती है. इसलिए आवश्यक है कि जड़ी बूटियों के बारे में अनुसंधान हो जो एफडीए को सुरक्षित मानता है. ऐसे उत्पाद का निर्माण और व्यवसाय करना गैरकानूनी हो सकता है. इसलिए पहले जानकारी प्राप्त कर लाइसेंस और पंजीकरण कराने के बाद ही अपना व्यवसाय आरंभ करें.

हर्बल खेती के व्यवसाय की ब्रांडिंग (Herbal Farming Business Branding)

यदि पतंजलि उत्पाद की तरह आप भी अपने व्यवसाय से बने उत्पादों को एक नाम देना चाहते हैं एक ब्रांड बनाना चाहते हैं, तो उसके लिए भी आपको पंजीकरण कराना आवश्यक है. इसलिए उससे जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करना भी अनिवार्य है, ताकि आप किसी और व्यक्ति के ब्रांड का इस्तेमाल ना कर सके और पंजीकरण के बाद आपके ब्रेन का इस्तेमाल भी कोई व्यक्ति ना कर सके.

पतंजलि दिव्य जल के वितरक बनने के लिए यहाँ क्लिक करें.

हर्बल प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग (Herbal Products Packaging)

जब आप हर्बल व्यवसाय आरंभ कर रहे हैं तो पैकेजिंग के बारे में भी ध्यान रखें कि वह भी ऐसी होनी चाहिए जो प्रकृति को नुकसान ना पहुंचाएं. अर्थात आपको पैकेजिंग के लिए ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए, जो प्रकृति के लिए फायदेमंद हो और साथ ही आपकी पैकेजिंग को आकर्षित भी बना सके.

हर्बल खेती से बने प्रोडक्ट्स कहां बेचे (Where to Buy Herbal Farming Products)

अपने उत्पाद के निर्माण के लिए सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि आप अपने उत्पाद कहां बेच सकते हैं, तो आपको बता दें कि आप अपने उत्पाद ऐसे बाजार में बेच सकते हैं जहां पर हर्बल उत्पाद से जुड़े उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा हो. आप चाहे तो अपने हर्बल उत्पाद को बेचने और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी सहारा ले सकते हैं.

सिंगल यूज प्लास्टिक पैर प्रतिबन्ध लगने के बाद नये व्यवसाय के अवसर की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.

हर्बल खेती के व्यवसाय में कुल लागत एवं लाभ (Herbal Farming Business Total Cost and Profit

हर्बल व्यवसाय को आप आसानी से मात्र 20,000 रुपये की राशि लगाकर आरंभ कर सकते हैं. यदि आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो इस व्यवसाय का सालाना आंकड़ा 316 बिलियन तक को पार कर चुका है. क्योंकि इन औषधियों में लगभग 45000 विभिन्न प्रजातियां हैं जिनका निर्माण कार्य भारत में किया जाता है. इस हिसाब से देखा जाए तो आप 1 साल में इस व्यवसाय से एक एकड़ जमीन पर खेती करके 3 लाख तक की आमदनी अर्जित कर सकते हैं.

एफएक्यू (FAQ’s)

Q : यदि कोई व्यक्ति अपना हर्बल व्यवसाय आरंभ करना चाहता है तो सबसे पहला कदम उसे क्या उठाना चाहिए?

Ans : हर्बल व्यवसाय आरंभ करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति को हर्बल व्यवसाय से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त करनी चाहिए और सबसे पहले जड़ी बूटियों के बारे में ज्ञान प्राप्त करना अति आवश्यक है.

Q : हर्बल व्यवसाय में किन-किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?

Ans : मुख्य रूप से हर्बल व्यवसाय यदि आप पौधों को उगाने से करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अच्छी खासी खुली जगह के साथ-साथ उतने ही पौधे और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है. पौधों को पोषण देने के लिए खाद और उर्वरक का भी इंतजाम आपके पास होना चाहिए.

Q : कौन से हर्ब उगाने में सबसे ज्यादा फायदा मिलता है?

Ans :  मुख्य रूप से कुछ ऐसे हर्ब हैं जो आसानी से उगाये भी जाते हैं और जिनके बदले आप आसानी से लाभ कमा सकते हैं. जैसे तुलसी जो सबसे लोकप्रिय जड़ी बूटी है, धनिया जो आसानी से प्राप्त भी हो जाता है और बहुत फायदेमंद भी है, इसके अलावा ओरिगैनो, कटनीप, कैमोमाइल, लैवेंडर आदि.

Q : ऐसी कौन सी हर्बल जड़ी बूटी है जो शीघ्रता से बढ़ती जाती है?

Ans : तुलसी जो सबसे लोकप्रिय जड़ी बूटी है वह आसानी से उगाई भी जा सकती है और शीघ्रता से बढ़ती है.

Q : क्या जड़ी बूटी बेचने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता है ?

Ans : भारत के अधिकांश राज्यों में औषधीय जड़ी बूटी का व्यापार करने पर लाइसेंस एवं परमिट प्राप्त करना अनिवार्य होता हैं.

अन्य पढ़ें –