किसान क्रेडिट कार्ड, कैसे बनवाएं, ऑनलाइन अप्लाई, ब्याज दर, हेल्पलाइन नंबर लोन, लिमिट, कैसे मिलेगा, व्यवसाय आइडियाज (Kisan Credit Card Yojana 2020, Interest Rate, Amount in Hindi)
केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया था, जिसके तहत किसानों को लोन के रूप में कुछ रियायती दरों पर बैंकों से पैसे उधार लेने की सुविधा दी जाती है. ताकि वे अपनी खेती को अच्छे से कर सके और उन्हें लाभ की प्राप्ति हो. हालही में लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गये आर्थिक पैकेज में किसानों के लिए भी राहत दी जा रही हैं. इस आर्थिक पैकेज में किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कम से कम 2.5 करोड़ किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए 2 लाख करोड़ रूपये की रियायती लोन देने की घोषणा की गई है. किसानों को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिलने वाले इस लोन से वे अपना खुद का कोई व्यवसाय भी शुरू कर अतिरिक्त पैसे की कमाई भी कर सकते हैं. इस लेख में आपको योजना की पूरी जानकारी के साथ ही इससे कौन – कौन से व्यवसाय शुरू कर लाभ कमाया जा सकता है, इसकी जानकारी भी दी जा रही हैं.
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किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है
किसान क्रेडिट कार्ड योजना को सन 1998 में लांच किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य भारत के किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना था. इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा रियायती दरों पर 3 लाख रूपये तक का शोर्ट टर्म लोन प्रदान किया जाता हैं. हालांकि यदि किसान 1 लाख रूपये से अधिक लोन उठाते हैं, तो उन्हें इसके लिए अपनी फसलों या जमीनों को गिरवी रखना पड़ता है. आपको बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से न सिर्फ लोन का लाभ किसान उठा सकते हैं बल्कि उन्हें इससे कई अन्य लाभ भी प्राप्त होते हैं.
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किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से शुरू किये जाने वाले व्यवसाय
किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से प्राप्त होने वाले लोन से किसान कृषि के कुछ व्यवसाय शुरू कर अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं जो इस प्रकार हैं –
पशु पालन :- किसान क्रेडिट कार्ड में मिलने वाली लोन राशि से किसान पशु पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. इससे अच्छी खासी कमाई हो जाती हैं. पशु पालन के व्यवसाय से कई तरह के उत्पादों का उत्पादन हो जाता हैं जिससे लाखों की कमाई आसानी से हो जाती हैं.
मछली पालन :- किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मछुआरों के लिए भी हैं इसलिए यदि वे मछली पकड़ने के अलावा मछली पालन का व्यवसाय करते हैं तो उनके लिए यह बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है. क्योकि इसमें काफी मुनाफा मिलता है.
मधुमक्खी पालन :- मधुमक्खी से शहद बनता हैं ऐसे में यदि आप मधुमक्खी का पालन करके शहद प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करते हैं तो आप खुद के ब्रांड के साथ एक कंपनी भी खोल सकते हैं. जिस तरह से पतंजलि एवं डाबर जैसी कंपनियों ने अपने ब्रांड के साथ शहद का उत्पादन कर उसका व्यवसाय किया है. उसी तरह आपको भी इससे काफी लाभ मिल सकता है.
सूखे फूल का व्यवसाय :- फूलों का उत्पादन काफी तेजी से बढने वाले फसलें होती हैं. और विभिन्न तरह के फूलों से विभिन्न तरह के उत्पाद बनाये जाते हैं जैसे कॉस्मेटिक आइटम्स, साथ ही इसका उपयोग साज सजावट में भी किया जाता हैं. इसलिए फूलों की मांग फूलों की दुकानों के व्यापार में भी अधिक होती हैं. यदि आप सूखे फूल का व्यवसाय करते हैं तो आपके लिए यह एक बहुत अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाला व्यवसाय साबित हो सकता है.
आर्गेनिक फार्मिंग व्यवसाय :- किसी उत्पादन का उत्पादन यदि आर्गेनिक तरीके से किया जाये तो वह काफी फायदेमंद होता है. रसायन एवं उर्वरकों के साथ बनाये जाने वाले उत्पाद में स्वास्थ का रिस्क अधिक होता हैं. ऐसे में ऑर्गनिक उत्पाद की मांग बाजार में अधिक होती हैं. आप आर्गेनिक फार्मिंग व्यवसाय भी शुरू कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
मुर्गी पालन व्यवसाय :- मुर्गी पालन व्यवसाय बहुत ही अधिक मुनाफा प्रदान करता है. क्योकि मुर्गी का अंडा एवं मांस दोनों की मांग बाजार में बहुत अधिक होती हैं. मुर्गी पालन व्यवसाय को शुरू करने के लिए कई राज्य सरकारें लोन, सब्सिडी एवं वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं. ऐसे में आप मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू कर लाभ अच्छी कमाई कर सकते हैं.
मशरूम पालन :- इस व्यवसाय को शुरू करने से बहुत कम निवेश के साथ लाभ आसानी से कमा सकते हैं. मशरूम की खेती का व्यवसाय करके आपको बहुत अधिक मुनाफे की प्राप्ति हो सकती हैं. इससे आप लाखों रूपये की कमाई कर सकते हैं.
हाइड्रोपोनिक रिटेल स्टोर बिज़नस :- हाइड्रोपोनिक, वृक्षारोपण की एक तकनीक होती है, जिससे बिना मिट्टी के वृक्षारोपण किया जाता हैं. इसकी रिटेल स्टोर को कोमेर्सिअल एवं घरेलू दोनों ही रूप में शुरू किया जा सकता है. इसलिए यह काफी अच्छी आमदनी वाला व्यवसाय है.
सोयाबीन प्रोसेसिंग :- सोयाबीन से कई तरह के उत्पाद बनते हैं यदि इसकी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की जायें, तो इससे भी कमाई की जा सकती हैं. यह काफी फायदे वाला व्यवसाय साबित हो सकता है.
औषधीय जड़ी बूटी :- हर्बल प्रोडक्ट्स की मांग बाजार में हर वक्त होती हैं. साथ ही जड़ी बूटी से निर्मित औषधि भी काफी कारीगर सिद्ध होती हैं इसलिए बाजार में लोग इसकी भी मांग अधिक करते हैं. लेकिन जब तक आपको इसके बारे में पूरा ज्ञान प्राप्त न हो आप यह व्यवसाय शुरू नहीं क्र सकते हैं.
मसाला उत्पादन :- घर के मसालें से बनी चीजों का स्वाद बहुत ही लाजवाब होता हैं. तो क्यों आप लोन राशि का इस्तेमाल घर के मसालों का उत्पादन करके करें. इसके लिए आपको विभिन्न मसालों की खेती करनी होगी. और मसालें बनाकर उसे अपने एक ब्रांड के साथ व्यवसाय शुरू करना होगा. यह भी पैसे कमाने का एक बहुत अच्छा विकल्प है.
सूरजमुखी की खेती :- सूरजमुखी की खेती करके आप उससे कुछ उत्पाद का निर्माण करके उसका व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. या आप चाहे तो इसकी खेती करके ये किसी बड़ी कंपनी को बेचकर भी पैसा कमा सकते हैं.
कुत्ता पालन :- आज के युग में लोगों को कुत्ता पालने का भी बहुत शौक होता हैं. आप विभिन्न तरह के कुत्ते के पालन का व्यवसाय शुरू करके मुंह मांगी कीमत के साथ कमाई कर सकते हैं.
तुलसी की खेती :- तुलसी एक औषधीय पौधा होता हैं साथ ही विभिन्न तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में भी इसका उपयोग किया जाता है. तुलसी की खेती करने का व्यवसाय शुरू करने से कमाई करने का विकल्प आपके सामने प्रदर्शित हो जाता है.
खजूर की खेती :- खजूर में विभिन्न तरह के पोषक तत्व पायें जाते हैं. खजूर की खेती का व्यवसाय करके 40 % तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके उत्पादन के बाद इसे आप अपने ब्रांड नाम के साथ व्यवसाय कर सकते हैं.
खरगोश पालन :- खरगोश के मांस का उपयोग मेडिकल कार्यों में बहुत अधिक होता हैं. साथ ही इसका मांस हृदय रोग से पीढित लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होता हैं. ऐसे में मेडिकल रिसर्च सेंटर्स में इसकी मांग बहुत अधिक होती हैं. यदि आप किसान क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले लोन से खरगोश पालन व्यवसाय शुरू करते हैं तो आपको अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है.
डेयरी फार्म हाउस :- यदि आप पशु पालन का व्यवसाय शुरू करते हैं तो उसके बाद आपके लिए व्यवसाय करने का एक और विकल्प सामने आ जाता है. वह हैं डेयरी फार्म हाउस. डेयरी में पशुओं से उत्पन्न होने वाले काफी सारे उत्पादों का निर्माण कर उसे सेल किया जाता हैं जिससे लाखों की कमाई भी की जा सकती हैं.
काजू – अखरोट प्रोसेसिंग :- काजू – अखरोट जैसे सूखे मेवे में भी काफी सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. साथ ही इससे खाने के भी कई सारे उत्पाद बनाये जाते हैं. इसलिए बाजार में इसकी मांग सदा बनी रहती हैं. इसलिए आप इसकी खेती करके भी लाभ कमा सकते हैं.
मूंगफली प्रोसेसिंग :- मूंगफली का तेल का उपयोग बहुत से लोग करते हैं. लेकिन जब तक इसकी खाती नहीं होगी तब तक यह कैसे प्राप्त होगा, तो आपको बता दें कि आप मूंगफली की खेती करके उसकी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर सकते हैं. और पैसे कमा सकते हैं.
मक्का की खेती :- भारत के पंजाब राज्य में मक्के का बहुत अधिक उपयोग किया जाता हैं. जाहिर ही बात हैं कि इसकी खेती भी वहां बहुत अधिक होती हैं. यदि आप किसी ऐसे स्थान पर रहते हैं जहाँ इसकी मांग बहुत अधिक हैं, तो आप वहां मक्के की खेती करके उसका व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. वो भी बहुत ही कम दरों में, जिससे अधिक लाभ की प्राप्ति हो सकती हैं.
ये सभी व्यवसाय किसानों के लिए शुरू किये जाने वाले व्यवसाय हैं जिसे वे किसान क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले लोन की मदद से शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा और भी कई व्यवसाय हैं जिसे किसानों द्वारा शुरू किया जा सकता है.
किसान क्रडिट कार्ड की विशेषताएं एवं लाभ
ब्याज दर :- किसान क्रेडिट कार्ड की मुख्य विशेषता यह हैं कि यह सस्ते दर पर लोन प्रदान करता है. किसानों को 7 % की दर से 3 लाख रूपये तक का लोन मिलता है. और यदि कोई किसान नियत तिथि पर लोन राशि चुकाने में सक्षम हो जाते हैं, तो उन्हें 3 % की छूट और मिलती है. यानि ऐसी स्थिति में प्रभावी ब्याज दर केवल 4 % हो जाती हैं.
कवरेज :- इस क्रेडिट कार्ड के तहत फसल की कटाई के बाद का खर्च, खेती की संपत्ति और कृषि संबंधित गतिविधियों को बनाये रखने के लिए कार्यशील पूंजी, वृक्षारोपण, ड्रिप सिंचाई, भूमि विकास, पंप सेट आदि के लिए निवेश क्रेडिट एवं किसानों की उपभोक्ता आवश्यकताओं को कवर किया जाता है.
संस्थागत क्रेडिट या लोन :- किसान क्रेडिट कार्ड कृषि गतिविधियों को करने के लिए किसानों को संस्थागत क्रेडिट या लोन प्रदान करता हैं.
कुल अवधि :- किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 साल तक की अवधि के लिए लोन ले सकते हैं.
फसल बीमा एवं पीएम – किसान योजना का लाभ :- किसान क्रेडिट कार्ड धारक फसल के लिए बीमा कवरेज प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी ले सकते हैं.
कृषि उत्पाद की खरीद :- यदि किसानों को कृषि से संबंधित किसी उत्पाद या उपकरण की आवश्यकता होती है, जैसे बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक आदि और भी तो उसकी खरीद भी इस क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके की जा सकती हैं.
नगद निकासी :- किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से किसानों को कैश निकालने की भी अनुमति मिल जाती हैं.
फसलों के नुकसान से सुरक्षा :- कीटों के हमलों से एवं प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसलों के नुकसान के लिए भी यह क्रेडिट कार्ड किसानों को सुरक्षा प्रदान करता है.
रिपेमेंट विकल्प :- इस क्रेडिट कार्ड की मदद से किसानों को फ्लेक्सिबल लोन रिपेमेंट विकल्प प्राप्त होता हैं, साथ ही इससे मजदूरों को भुगतान करने में भी आसानी होती हैं.
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किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए पात्रता मापदंड
छोटे एवं सीमांत किसान :- इस क्रेडिट कार्ड के लिए छोटे एवं सीमांत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले किसानों को लाभ प्रदान किया जाता हैं.
शेयर क्रोपर्स :- ऐसे किसान जोकि बटाईदार होते हैं यानि जोकि साझेदारी में खेती करते हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलता है.
मछुआरे :- मछली पकड़ने वाले एवं उसका पालन करने वाले मछुआरे भी इस क्रेडिट कार्ड को प्राप्त कर सकते हैं.
पशुपालन में शामिल लोग :- ऐसे लोग जोकि पशुपालन का व्यवसाय करते हैं या इस व्यवसाय के साथ जुड़े हुए हैं उन्हें भी इसमें शामिल किया गया है.
लीस और टेनान्ट किसान :- ऐसे किसान जिनकी जमीन लीस पर हैं या टेनान्ट है उन्हें भी इस क्रेडिट कार्ड के तहत लोन मिल सकता है.
स्वयं सहायता समूह :- देश में स्वयं सहायता समूह के लोग भी विभिन्न तरह के खुद की मदद से अपने व्यवसाय करते हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा.
संयुक्त देयता समूह :- ऐसे लोग जोकि संयुक्त देयता समूह से संबंध रखते हैं उन्हें भी इसमें शामिल किया गया है.
खेती एवं कृषि गतिविधियों में शामिल व्यक्ति :- ऐसे व्यक्ति जोकि खेती और कृषि गतिविधियों में शामिल होते हैं, वे इसमें आवेदन कर सकते हैं साथ ही यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की भूमि पर खेती करता हैं तो उसे भी किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाता है.
आयु सीमा :- इस योजना में आवेदकों की आयु सीमा 18 से 75 वर्ष तय की गई हैं. साथ ही जब कोई किसान 60 वर्ष से अधिक आयु का हो जाता हैं तो उसका सह – आवेदक होना अनिवार्य है.
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
आईडी प्रूफ :- आवेदक आईडी प्रूफ के रूप में आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, नरेगा जॉब कार्ड या यूआईडीएआई द्वारा जारी किया गया पत्र आदि में से कोई भी दस्तावेज दिखा सकते हैं.
पते का प्रमाण :- आवेदकों को अपने पते के प्रमाण स्वरुप आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, यूटिलिटी बिल, राशन कार्ड, संपत्ति के रजिस्ट्रेशन का दस्तावेज, नरेगा जॉब कार्ड या बैंक खाते का स्टेटमेंट आदि में से कोई एक दस्तावेज की आवश्यकता पड़ सकती हैं.
जमीन के दस्तावेज :- आवेदक जब किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें अपने जमीन के पेपर्स की भी आवश्यकता होगी.
पासपोर्ट आकार की फोटोग्राफ :- आवेदन फॉर्म में आवेदकों को अपने पासपोर्ट आकार के फोटोग्राफ की भी आवश्यकता पड़ सकती हैं.
बैंक द्वारा मांगे जाने वाले दस्तावेज :- जब आवेदक किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए आवेदन के लिए बैंक जायेंगे तो बैंक द्वारा कुछ अन्य दस्तावेज भी मांगे जा सकते हैं. उसकी कॉपी भी आवेदक अपने पास अवश्य रखें.
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किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें
स्टेप 1 :- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले आवेदकों को किसी ये कार्ड जारी करने वाले किसी भी बैंक की अधिकारिक वेबसाइट में जाना होगा. ऑफलाइन आवेदन के लिए किसान सीधे संबंधित बैंक की ब्रांच में भी जा सकते हैं.
स्टेप 2 :- इसके बाद ‘अप्लाई फॉर केसीसी’ पर क्लिक करके वे ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को डाउनलोड करके उसका प्रिंट निकलवा सकते हैं. आवेदक यह आवेदन फॉर्म बैंक से भी प्राप्त कर सकते हैं.
स्टेप 3 :- इसके बाद उन्हें केसीसी का पूरा फॉर्म भरना होगा और इसे उसी बैंक की ब्रांच में जाकर जमा कर देना होगा.
स्टेप 4 :- लोन ऑफिसर उनके फॉर्म का रिव्यु लेंगे और उसके बाद आवेदन का रिफरेन्स नंबर जारी कर देंगे. आवेदक इसे सेव करके रख लें.
स्टेप 5 :- इसके बाद अंत में जब आवेदकों का लोन मंजूर कर लिया जायेगा, तो किसान क्रेडिट कार्ड उनके पते तक पहुंचा दिया जायेगा.
इस तरह से किसान केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाली लोन राशि का इस्तेमाल खुद का नया व्यवसाय शुरू करके अतिरिक्त आमदनी कमाने में कर सकते हैं. ताकि उन्हें अधिक मुनाफा हो और वे भी एक बेहतर जीवन जीने के हकदार बन सकें.
एफएक्यू’स (FAQ’s)
Q : किसान क्रेडिट कार्ड योजना कब और क्यों शुरू की गई ?
Ans : किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ती हेतु तत्कालिक केंद्र सरकार द्वारा सन 1998 में इस योजना का शुभारंभ किया गया था.
Q : किसान क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के लिए कैसे फायदेमंद हैं ?
Ans : यह योजना किसानों को रियायती दरों पर संस्थागत लोन का लाभ प्रदान करती हैं. इससे किसानों की अनौपचारिक बैंकिंग प्रणाली या साहूकारों पर निर्भरता खत्म हो जाती हैं.
Q : किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कितना लोन प्राप्त कर सकते हैं ?
Ans : किसान क्रेडिट कार्ड की मदद से 3 लाख रूपये तक का लोन शोर्ट टर्म लोन के रूप में प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि 1 लाख से अधिक का लोन लेने पर उन्हें अपनी संपत्ति को गिरवी रखना होता है.
Q : किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन पर ब्याज दर कितनी हैं ?
Ans : किसानों को 7 % की ब्याज दर के साथ लोन प्राप्त होता हैं. और यदि वे समय पर लोन चुकाते हैं तो उन्हें 3 % का अतिरिक्त लाभ मिलता है. यानि कुल मिलाकर उन्हेकेव्ल 4 % ब्याज दर के साथ लोन मिल जाता है.
Q : कौन – कौन से बैंक किसान क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं ?
Ans : नाबार्ड, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बेंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक आदि किसान क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं.