मखाना की खेती कैसे करें, तरीका, कब होती है, कैसे होती है, कहां होती है, लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन, लागत, लाभ, सब्सिडी, मखाना विकास योजना, मार्केटिंग, पैकेजिंग, जोखिम, जगह (Fox Nut Farming Business in Hindi) (Makhana Farming, Production, Cultivation, Plant, Business License and Registration, Profit, Investment, Subsidy, Marketing, Packaging, Risk, Location)
Fox Nut Farming अगर आपके पास खेती करने लायक खेत/तालाब मौजूद है और आप कोई फार्मिंग बिजनेस करना चाहते हैं, तो आपको एक बार अवश्य मखाना फार्मिंग बिजनेस के बारे में विचार करना चाहिए। यह एक ऐसा बिजनेस है, जो हर महीने आपकी लाखों रुपए की कमाई करवा सकता है। मार्केट में इसकी काफी अधिक डिमांड है। इसलिए आप तैयार मखानों को सरलता से लोकल मार्केट में बेच सकेंगे और नगद पैसे प्राप्त कर सकेंगे। हालांकि इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको पहले मखाना फार्मिंग बिजनेस की पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, जो आपको इस आर्टिकल में प्राप्त होगी। इस पेज पर हम जानेंगे कि “मखाना फार्मिंग बिजनेस क्या है” और “मखाना फार्मिंग बिजनेस कैसे करें।”
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मखाना फार्मिंग बिजनेस कैसे करें (How to do Fox Nut Farming )
मखाना एक ड्राई फ्रूट भी है। इसलिए लोग इसे ड्राई फ्रूट के तौर पर भी खाते हैं। इसके अलावा उपवास में भी इसका सेवन किया जाता है। डायबिटीज से लेकर के कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने में साथ ही इंसानों की हड्डियों को मजबूत बनाने में साथ ही वजन घटाने में यह काफी सहायक साबित होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में तकरीबन 80 परसेंट मखाना फार्मिंग बिजनेस बिहार राज्य में होता है, क्योंकि बिहार राज्य की जो जलवायु है वह इसकी खेती के लिए बेहतरीन है।
इसके अलावा उड़ीसा, मेघालय और असम राज्य में भी इसकी खेती अधिक एवं बड़े पैमाने पर होती है। इसकी खेती दो प्रकार से की जा सकती है। पहला कि आप अपने खेत में ही कीचड़ बनाकर इस बिजनेस को करें और दूसरा यह कि आप तालाब में मखाना फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत करें।
मखाना फार्मिंग बिजनेस क्या है (Fox Nut Farming Business in Hindi)
देश में किसानों के द्वारा मखाना की खेती की जाती है परंतु यही खेती जब व्यापारिक उद्देश्य से किसी व्यक्ति के द्वारा की जाती है तो ऐसे में मखाना फार्मिंग को मखाना फार्मिंग बिजनेस का नाम दे दिया जाता है, क्योंकि हम इस प्रकार की खेती बिजनेस के तौर पर कर रहे हैं। मखाना की खेती को नगदी फसल कहा जाता है। इसमें बड़े पैमाने पर पौष्टिक तत्वों की मौजूदगी होती है जो इंसानों के लिए विभिन्न प्रकार से फायदेमंद होती है। इसीलिए मार्केट में इसकी डिमांड है। इसका इस्तेमाल खीर बनाने के लिए, मिठाई बनाने के लिए और नमकीन बनाने के लिए किया जाता है। मखाना फार्मिंग बिजनेस आप अपने खुद के तालाब में भी कर सकते हैं या फिर किसी अन्य व्यक्ति के तालाब को किराए पर लेकर भी कर सकते हैं। मखाना दिखाई देने में सफेद रंग का होता है जिस पर हल्के ब्राउन रंग के छोटे-छोटे दाग होते हैं।
मखाना फार्मिंग करने का तरीका (Makhana Farming Production and Cultivation)
हमें पता है कि आप अभी तक इस बिजनेस से अनजान थे। इसलिए आप चाहते हैं कि आपको कोई ऐसी गाइड मिले जिसमें यह बताया गया कि कैसे इस बिजनेस को शुरू किया जाता है तो आइए इस बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी हासिल करते हैं और जानते हैं कि मखाना फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत कैसे करें।
मखाना फार्मिंग के लिए वातावरण (Climate for Makhana Farming)
मखाना फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत करने के लिए आपको सबसे पहले वातावरण को चेक करना चाहिए कि क्या आप जिस जगह पर रहते हैं वहां का वातावरण इसकी खेती के लिए अनुकूल है या नहीं। मखाना फार्मिंग बिजनेस करने के लिए काली चिकनी मिट्टी की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसके जो पौधे होते हैं उसका विकास पानी के अंदर अच्छी तरह से हो जाता है। इसलिए आपको इस फार्मिंग बिजनेस में तालाब की आवश्यकता पड़ेगी, ताकि आप उसमें अधिक समय तक पानी इकट्ठा करके रख सकें। सामान्य टेंपरेचर पर मखाना के पौधे तेज गति से विकास करते हैं।
मखाना फार्मिंग के लिए तालाब की तैयारी (Makhana Farming Preparation)
मखाना फार्मिंग बिजनेस शुरू करने के लिए आपको एक तालाब का निर्माण करना होगा। निर्माण के अंतर्गत आपको तालाब में सबसे पहले मिट्टी की खुदाई करवानी पड़ेगी, उसके बाद उसमें बड़ी मात्रा में आपको पानी भरना पड़ेगा। अब इसके पश्चात आपको तालाब में पानी और मिट्टी को आपस में अच्छी तरह से मिक्स करके कीचड़ बना लेना होगा। क्योंकि इसी कीचड़ में आपको मखाना के बीज को रोपना होता है। इसके पश्चात तकरीबन 6 से लेकर के 9 इंच तक पानी तालाब में भर दिया जाता है। हम यहां पर बता देना चाहते हैं कि तालाब का निर्माण आपको मखाना फार्मिंग बिजनेस शुरू करने से तकरीबन 2 महीने पहले ही करना होता है।
मखाने के बीज रोपने का सही समय (Makhana Farming Time)
मखाने के बीज को तालाब के निचली सत्तह में रखने से पहले आपको सही प्रकार से तालाब में मौजूद सभी प्रकार के खरपतवार को बाहर निकाल देना होता है और सही प्रकार से तालाब की सफाई कर देनी होती है, क्योंकि ऐसा करने से पौधे में रोग लगने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके पश्चात आपको तालाब की निचली सतह में मखाना के बीज को 3 से 4 सेंटीमीटर गहराई में लगाना होता है।
अगर आप मखाना फार्मिंग बिजनेस तकरीबन 1 हेक्टेयर के खेत में कर रहे हैं तो इसके लिए आपको तकरीबन 80 किलो मखाना के बीज की जरूरत पड़ेगी। वैसे तो मखाना के बीज नंवबर या फिर दिसंबर के महीने में ही तैयार हो जाते है, परंतु तालाब में इसकी खेती करने का सबसे बेहतरीन समय जनवरी, फरवरी या फिर मार्च का समय होता है।
मखाना फार्मिंग में पौधे का विकास एवं देखभाल (Makhana Farming Plant)
इसके बीज तालाब में लगा देने के पश्चात सिर्फ 1 महीने के बाद ही धीरे-धीरे कांटेदार पत्ते के तौर पर इसके बीज बढ़ने लगते हैं और धीरे-धीरे पूरा तालाब मखाना के पौधे से ढकने लगता है और इसके बाद धीरे-धीरे फूल निकलना भी चालू हो जाते हैं। बीज निकल जाने के पश्चात तकरीबन 1 से लेकर के 2 महीने के बाद यह पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाते हैं और जो पके हुए बीज है वह पत्ती से अलग हो जाते हैं और उसके बाद 1 से 2 दिन पानी पर तैरने के बाद नीचे चले जाते हैं और जब पूरी तरह से पौधों की सफाई कर दी जाती है तब किसानों के द्वारा इन बीज को निकाला जाता है।
किसी भी प्रकार के नुकसान से मखाना को बचाने के लिए आपको एक अच्छी क्वालिटी के जाल से मखाना के तालाब को पूरी तरह से ढक देना चाहिए। ऐसा करने से अच्छी तरह से पौधों का डेवलपमेंट होता है। इसके अलावा तालाब पूरी तरह ढका हुआ होने से छोटे-मोटे जानवर तालाब में प्रवेश नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से मखाना फार्मिंग को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। अगर तालाब में पानी कम हो जाता है तो ऐसी अवस्था में आपको तालाब में पानी समय-समय पर भर देना चाहिए।
मखाना फार्मिंग बिजनेस में कर्मचारी (Makhana Farming Business Staff)
इस बिजनेस में आपको कितने कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी, यह आपके ऊपर डिपेंड करता है। अगर आप छोटे पैमाने पर मखाना फार्मिंग बिजनेस कर रहे हैं तो आप अकेले ही इस पूरे बिजनेस को संभाल सकते हैं परंतु अगर आपके द्वारा व्यापारिक उद्देश्य से बड़े पैमाने पर इस बिजनेस को किया जा रहा है तो आपको प्रति हेक्टेयर के हिसाब से कर्मचारियों को रखने की आवश्यकता होगी। बता दें कि प्रति 3 हेक्टर पर एक कर्मचारी इस बिजनेस के लिए उपयुक्त होता है। इस प्रकार से आप जितने हेक्टर में इसकी खेती कर रहे हैं उतने हेक्टेयर जमीन के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या को डिसाइड कर सकते हैं।
मखाना फार्मिंग बिजनेस में उपकरण (Makhana Farming Equipment)
इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए आपके पास एक डीजल पंप सेट होना चाहिए क्योंकि ताला में पानी भरने के लिए आपको इसकी आवश्यकता पड़ेगी। इसकी जगह पर आप चाहे तो इलेक्ट्रिक पानी वाली मोटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आपके पास तालाब में पानी डालने के लिए प्लास्टिक की पानी वाली पाइप होनी चाहिए, साथ ही खरपतवार को हटाने के लिए आपके पास आवश्यक उपकरण होने चाहिए। इसके अलावा आपके पास एक बड़ी जाली होनी चाहिए, जिसके द्वारा आप तालाब को ढाक सके।
मखाना फार्मिंग बिजनेस में पंजीकरण और लाइसेंस (License and Registration)
मखाना फार्मिंग बिजनेस में पंजीकरण और लाइसेंस (Makhana Farming Business License and Registration)
किसी व्यक्ति के द्वारा छोटे पैमाने पर अगर इस बिजनेस की शुरुआत की जाती है तो उसे किसी भी प्रकार का पंजीकरण या फिर लाइसेंस लेने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है, परंतु व्यक्ति अगर बड़े पैमाने पर इस बिजनेस को शुरू कर रहा है तो उसके पास कमर्शियल इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन होना चाहिए क्योंकि मोटर के द्वारा तालाब में पानी भरने के लिए इसकी आवश्यकता पड़ेगी। हालांकि अगर आपके पास डीजल इंजन सेट है तो इसकी आवश्यकता भी आपको नहीं है। इसके अलावा आपके पास एफएसएसएआई का लाइसेंस होना चाहिए क्योंकि यह बिजनेस फूड की कैटेगरी में आता है। अन्य पंजीकरण और लाइसेंस की जानकारी आप लोकल नगरपालिका से प्राप्त कर सकते हैं।
मखाना फार्मिंग बिजनेस में निवेश (Makhana Farming Business Investment)
छोटे स्तर पर इसकी खेती करने पर कम इन्वेस्टमेंट और बड़े स्तर पर इसकी खेती करने पर अधिक इन्वेस्टमेंट लग सकता है। हालांकि अंदाज के अनुसार देखा जाए तो अगर आप अपने खुद के खेत या फिर खुद के तालाब में इस बिजनेस की शुरुआत करते हैं, तो शुरुआत में आपको तकरीबन 8 से ₹12 हजार तक इन्वेस्टमेंट करने पड़ सकते हैं। वही दूसरे के खेत या फिर तालाब पर इस बिजनेस की शुरुआत करते हैं तो यह इन्वेस्टमेंट दूसरे खर्चों सहित 15,000 से 18,000 तक जा सकता है। इसी प्रकार से जितने बड़े लेवल पर आप इस बिजनेस को शुरू करेंगे, उतना ही इन्वेस्टमेंट अधिक होता जाएगा। इसमें इन्वेस्टमेंट की वास्तविक सच्चाई आपको इस बिजनेस को शुरू करने पर ही पता चलेगी।
मखाना फार्मिंग पर मिल रही 75% सब्सिडी
आपको बता दें कि बिहार के दक्षिणी इलाकों में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है. ऐसे में बिहार सरकार ने मखाना की खेती करने वालों को 75% सब्सिडी देने के लिए एक योजना शुरू की है जिसका नाम है मखाना विकास योजना. इया योजना का लाभ बिहार राज्य के 10 जिलों कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा और खगड़िया में दिया जाने का निर्णय लिया गया है. इस योजना के शुरू होने से मखाना के उत्पादन और उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी. इसमें आवेदन करने की प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. इसमें आप आवेदन इस अधिकारिक लिंक पर जाकर कर सकते हैं. इसके बारे में यदि आप अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए संबंधित जिला के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं.
मखाना फार्मिंग बिजनेस में लाभ (Makhana Farming Business Profit)
3 किलो बीज में से आपको सिर्फ 1 किलो लावा ही प्राप्त हो पाता है और इस प्राप्त हुए लावे का इस्तेमाल करके मखाना तैयार किया जाता है। इस प्रकार से 1 क्विंटल मखाना से तकरीबन 40 किलो मखाना प्राप्त हो जाता है, जिसकी कीमत मार्केट में अलग-अलग होती है। कुछ राज्यों में इसकी अधिक कीमत मिलती है तो कुछ राज्यों में इसकी कीमत थोड़ी बहुत कम होती है। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर जब हमने मखाने के भाव को चेक किया तो हमने पाया कि इसकी खेती करना वाकई में फायदेमंद होता है। अब इस बिजनेस के द्वारा आप कितना पैसा कमा सकते हैं यह डिपेंड करता है कि आपने कितने बड़े पैमाने पर इसकी खेती की हुई है और आपको कितना तैयार बेचने लायक मखाना प्राप्त हुआ है।
मखाना फार्मिंग बिजनेस की मार्केटिंग (Makhana Farming Business Marketing)
जो लोग ग्रामीण इलाके में इस प्रकार के बिजनेस की शुरुआत करते हैं उन्हें इस बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए ज्यादा चिंतित होने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं होती है, क्योंकि ग्रामीण इलाके में लोग अपने आप ही इस प्रकार के बिजनेस को जान जाते हैं। हालांकि इसके बावजूद मखाना फार्मिंग बिजनेस ग्रामीण या फिर शहरी इलाके में शुरू करने वाले लोग अगर इसकी मार्केटिंग करना चाहते हैं तो वह ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके पर अमल कर सकते हैं। ऑनलाइन तरीके के अंतर्गत वह व्हाट्सएप पर अपने फार्मिंग बिजनेस का स्टेटस लगा सकते हैं या फिर अपने मखाना वाले तालाब की फोटो क्लिक करके भी डाल सकते हैं, ताकि लोग उनके बिजनेस के बारे में जाने। इसके अलावा ऑफलाइन तरीके के अंतर्गत व्यक्ति अपने फार्मिंग बिजनेस का विजिटिंग कार्ड छपवा कर लोगों को दे सकता है साथ ही व्यस्त इलाके पर अपने फार्मिंग बिजनेस का बैनर भी लगवा सकता है। इसके अलावा अपने मखाना फार्मिंग बिजनेस का पेंपलेट प्रिंट करवा कर लोगों के बीच वितरण करवा सकता है।
मखाना की पैकेजिंग (Makhana (Fox Nuts) Packaging)
अगर आप खुद से ही इसकी खेती करके खुद से ही इसकी ब्रांडिंग करके इस आइटम को बेचना चाहते हैं तो आपको इसकी पैकिंग पर विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। आपको पैकिंग आकर्षक रखनी चाहिए साथ ही यह भी ध्यान देना चाहिए कि पैकिंग में किसी भी प्रकार से हवा इंटर न कर सके, ताकि मखाना खराब ना हो। इसके अलावा पैकिंग पर मखाना की न्यूट्रिशन वैल्यू, मखाना की कीमत, उसके वजन और अन्य सभी जानकारियों को सही प्रकार से प्रिंट करें, ताकि आपका ब्रांड मार्केट में विश्वसनीयता हासिल कर सके।
मखाना फार्मिंग बिजनेस में जोखिम (Makhana Farming Business Risk)
इस बिज़नेस को शुरू करने में किसी भी तरह का रिस्क नहीं है. क्योकि यह बिज़नेस हर समय चलता है. मखाना का उपयोग सभी सीजन में होता है. इसलिए इसकी मांग बाजार में हर समय रहती है. लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि मखाना की खेती करने समय उसे ख़राब होने से आपको बचाना होगा. यानि आपको इस पर ज्यादा ध्यान देना होगा.
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FAQ
Q : मखाना का बिजनेस कैसे शुरू करें?
Ans : मखाना बिजनेस आइडिया प्लान की जानकारी हमने आर्टिकल में विस्तार से दी हुई है।
Q : मखाना की खेती कब करें?
Ans : मखाना की खेती करने के लिए जनवरी-फरवरी या फिर मार्च का समय सही माना जाता है।
Q : मखाना की खेती कहां होती है?
Ans : बिहार, मिथिलांचल, आसाम, उड़ीसा, लेकिन बिहार राज्य में बड़े पैमाने पर मखाना की खेती होती है।
Q : मखाना कैसे पैदा किया जाता है?
Ans : मखाना को कीचड़ वाले तालाब में अथवा कीचड़ वाले खेत में पैदा किया जाता है।
Q : मखाना फार्मिंग बिज़नेस शुरू करने में कितनी लागत लगती है?
Ans : 15 से 20 हजार रूपये
Q : मखाना फार्मिंग बिज़नेस से कितना प्रॉफिट होता है?
Ans : लगभग 1 लाख रूपये तक
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