चपाती या रोटी बनाने का व्यापार कैसे करें ( How to Start Chapati (Roti) Making Business Plan in hindi)
Chapati Making Business : रोटी हमारे देश के मुख्य खानों में से एक है. जहाँ एक तरफ ये आसानी से प्राप्त हो सकता है, वहीँ दूसरी तरफ़ ये सेहत के लिए भी काफ़ी फायदेमंद है. इसे अपने भोजन में शामिल करने में किसी तरह के परहेज़ की आवश्यकता नहीं पड़ती है. रोटी खाना यहाँ लगभग हर एक इन्सान को पसंद है. भारत एक विकासशील देश है. इस स्थान पर लगभग हर जगहों पर नए नए ऑफिस खुल रहे हैं, नयी फैक्ट्रीयां बैठ रहीं है. इन स्थानों पर कई जगहों से काम करने आते हैं. कई लोग इन बड़े बड़े ऑफिस में अपनी कैटरिंग चलाते हैं. साथ ही जो लोग टिफ़िन सर्विस प्रदान करते हैं वे लोग भी अपने टिफ़िन में रोटी को ही अधिक महत्व देते हैं. इस वजह से आज बड़े बड़े शहरों में रोटी सप्लायर की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई है. आप भी रोटी सप्लायर की तरह काम करके प्रति घंटे एक अच्छा ख़ासा मुनाफा कमा सकते हैं. यहाँ पर इस व्यापार से सम्बंधित सभी विशेष बातों का वर्णन किया जा रहा है, जो आपको रोटी मेकिंग बिज़नस स्थापित करने में काफ़ी मदद करेगा.
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चपाती बनाने की मशीनरी (Chapati Making business Machine)
तकनीक इतनी अधिक विकसित हुई है, कि आज चपाती बनाने की मशीन तक का आविष्कार हो गया है. इससे आपका कार्य और भी आसान हो जाता है. इस मशीन की सहायता से आप बहुत आसानी से कम समय में अधिक रोटियां बना सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
यह एक सेमी आटोमेटिक मशीन होती है, जिसकी सहायता से 1 घंटे में लगभग 1000 पीस रोटियां बनायी जा सकती हैं. इस मशीन के साथ और दो मशीनें होती हैं. ये दो मशीन हैं मैदा मिक्सर और बॉल कटर. आप इस मशीन की सहायता से रोटी की मोटाई और डायामीटर भी सेट कर सकते हैं. इस तरह से आपके कई कार्य इस मशीन की सहायता से आसानी से हो जाते हैं, और आप महज एक लेबर की सहायता से इस मशीन का संचालन करके रोटियां बना सकते हैं.
चपाती बनाने की मशीन की क़ीमत (Chapati Making business Machine Price):
चपाती मेकिंग मशीन की क़ीमत 2.15 लाख रूपए के आस पास की है.
चपाती बनाने के लिए रॉ मटेरियल (Chapati Making business Materials)
रोटी बनाने का रॉ मटेरियल हालाँकि सबको पता है, किन्तु बाज़ार में बिकने वाली रोटियों की क्वालिटी कुछ अलग होती है. यहाँ पर चपाती बनाने की रॉ मटेरियल का विवरण दिया जा रहा है.
- आटा (21 रू प्रति किलोग्राम)
- मैदा (23 रू प्रति किलोग्राम)
- साफ़ पानी
कहाँ से ख़रीदें : चपाती बनाने की मशीन व रॉ मटेरियल निम्न वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन खरीद सकते हैं –
- https://dir.indiamart.com/
चपाती मशीन द्वारा बनाने की प्रक्रिया (Chapati Making business Process in Machine in hindi)
इस मशीन से रोटी बनाने की प्रक्रिया का वर्णन किया जा रहा है, जिस पर अमल करके आप भी सरलता के साथ मशीन की सहायता से रोटी बना सकते हैं,
- रोटी बनाने की यह मशीन एलपीजी की सहायता से चलती है. इस मशीन में कई बर्नर लगे होते हैं, जिसे जलाने की आवश्यकता होती है. यह बर्नर मशीन के विभिन्न चेम्बरों में लगा होता है. इस चेम्बरों का नोब मशीन के उपर ही लगा होता है, ताकि आसानी से बर्नर नियंत्रित किया जा सके. एलोवेरा व जेल का व्यापार कैसे शुरू करें यहाँ पढ़ें.
- इसके बाद मैदा मिश्रित आटा अच्छे से गुथ लें. आटा गूंथते समय यह ध्यान रखे कि गुंथा हुआ आटा मुलायम हो, बनने वाली रोटियां मुलायम हों.
- गुंथे हुए आटे को मध्यम आकार के लोई में बदल लें. इस मशीन का एक सेक्शन ऐसा होता है, जहाँ पर लोई डालने से वह ख़ुद ही रोटी की साइज़ में तब्दील हो जाती है. अतः ख़ुद से रोटी बेलने की भी आवश्यकता नहीं होती.
- यह सेक्शन लोई को प्रेस करके रोटी बना देती है और आगे आने पर पकते हुए रोटी को पलटना होता है. ताकि रोटी जलने से बच सके.
- ध्यान रखें कि इस मशीन में तवा दो भागों में विभाजित रहता है. इनर तवा और आउटर तवा. इनर तवे से आधी पकी रोटी को आउटर तवे पर पकाने की आवश्यकता होती है. इन दोनों तवों में तामपान का अंतर होता है.
- इस तरह से कम समय में अधिक संख्या में रोटी बन कर तैयार हो जाती है.
चपाती बनाने के व्यापार के लिए आवश्यक स्थान (Chapati Making Business Places)
आम तौर पर एक मध्यम आकार की रोटी मेकिंग मशीन की साइज़ 36″ x 36″ x 54″ की होती है. अतः इसके हिसाब से आपको मशीन बैठाने के लिए 36″ x 36″ का स्थान चाहिए होता है. इसके अलावा बनी हुई रोटियों को रखने के लिए और पैकेजिंग के लिए आपको अतिरिक्त 100 वर्ग मीटर की स्थान की आवाश्यकता होती है.
चपाती बनाने के व्यापार की मार्केटिंग (Chapati Making Business Marketing)
इस मशीन की सहायता से बनायी जा रही रोटी का व्यापार एक साथ विभिन्न स्थानों पर किया जा सकता है. व्यापारी कैटरिंग, विभिन्न स्थानों की कैंटीन जैसे हॉस्पिटल, विभिन्न ऑफिस की कैंटीन, कॉल सेंटर कैंटीन आदि स्थानों पर अपनीं बनायी गयी रोटी बेच सकते हैं.
इसके अलावा आप विभिन्न तरह की शादी विवाह के दौरान मशीन भाड़े पर लगा कर भी पैसा कमा सकते हैं. आम तौर शादी विवाह में बुक किये जाने पर आपको आपके मशीन का प्रतिदिन कम से कम 2000 रूपए प्राप्त हो सकता हैं.
विभिन्न तरह की अन्य कम्पनियां भी हैं, जो फ़ूड सप्लाई का काम करती हैं, आप उनसे भी रोटी के ऑर्डर प्राप्त करके रोटी बनाने का यह व्यापार कर सकते हैं. टिश्यू पेपर बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें यहाँ पढ़ें.
चपाती बनाने के व्यापार की कुल लागत (Chapati Making Business Cost)
व्यापार आरम्भ करने के लिए मशीन और सभी आवश्यक सामग्रियों के साथ आपको 3 लाख रूपए तक की लागत आ सकती है. इस पैसे में आपको मशीन और सभी सामग्रियां प्राप्त हो जायेंगी, जिसकी सहायता से आप अपना रोटी मेकिंग व्यापार आरम्भ कर सकते हैं.
चपाती की पैकेजिंग (Chapati Packaging)
चूँकि रोटी खाने के काम आती है, अतः पैकेजिंग के दौरान इसकी साफ सफ़ाई का पूरा ध्यान रखना पड़ता है. साथ ही पैकेजिंग के समय यह भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, कि रोटी किसी भी तरह से डैमेज न हो. यदि आप इसकी पैकेजिंग के लिए फॉयल रेपिंग पेपर इस्तेमाल करते हैं, तो यह कारगर सिद्ध होगा. इसकी सहायता से रोटी एक लम्बे समय तक ताज़ी, गर्म और नर्म रहती है.
चपाती बनाने के व्यापार से लाभ (Chapati Making Business Profit)
सभी कच्ची सामग्रियां और श्रामिक मजदूरी को जोड़ कर प्रति घंटे आपकी लागत व्यापार के लिए अधिकतम 1000 रूपए की आती है. दूसरी तरफ इस मशीन से बनने वाली रोटियों की कीमत 2 रूपए की होती है. अतः यदि प्रति घंटे आप 1000 रोटियां तैयार करने में सफ़ल हो जाते हैं, तो इससे आपको प्रति घंटे कम से कम 1000 रूपए का लाभ हो सकता है. इस तरह प्रतिदिन दिन 8 घंटे कार्य करके 8000 रू तक कमाया जा सकता है.
चपाती बनाने के व्यापार के लिए लाइसेंस (Chapati Making Business License)
किसी भी व्यपार को निश्चित रूप से करने और नियमिति रूप से लाभ कमाने के लिए अपने व्यापार का पंजीकरण कराना अतिआवश्यक है. चुकी यह व्यापार एक फूड सप्लाई व्यापार है, अतः इसे आरम्भ करने से पहले व्यापारी को लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि लोगों की विश्वसनीयता बनी रहे. अतः सबसे पहले आप अपना व्यापार एमएसएमई के अधीन अथवा उद्योग आधार के अंतर्गत पंजीकरण कराना न भूलें. इसके अलावा आपको अपने क्षेत्र के सरकारी फ़ूड और हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से भी लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है. यह लाइसेंस अलग अलग राज्यों में अलग अलग हो सकता है, किन्तु FSSAI की तरफ से लाइसेंस प्राप्त करना भी अनिवार्य है.
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