हरी मिर्च की खेती कैसे करें, कब की जाती है,बिज़नेस, सही समय, जानकारी, लागत, लाभ, लाइसेंस, मार्केटिंग (Chili Farming Business in Hindi Plan, Profitable, Investment, Profit, Benefit, License, Marketing, Time, Location)
Green Chili Farming Business: क्या आपको खेती करने में इंटरेस्ट है? अगर आपका जवाब हां है तो आज हम आपको खेती से ही संबंधित एक ऐसा बिजनेस आइडिया बताने वाले हैं जिसे अगर आपके द्वारा किया जाता है तो निश्चित है कि आपकी पहली ही कमाई काफी अच्छी होगी। हम बात कर रहे हैं हरी मिर्ची की खेती के बारे में। इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा होती है। इस प्रकार से अगर आप कम इन्वेस्टमेंट में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आइए इस पेज पर जानते हैं कि ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस क्या है और ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस कैसे करें।
Table of Contents
हरी मिर्च की खेती का बिजनेस क्या है (Green Chili Farming Business)
ग्रीन चिल्ली का मतलब हिंदी भाषा में हरी मिर्च होता है, जिसका इस्तेमाल आप लोग अपने खाने की सब्जी में डालने के लिए करते हैं या फिर सलाद के तौर पर खाते हैं। सामान्य तौर पर जब आप हरी मिर्च की खेती करते हैं तो यह खेती की कैटेगरी में आती है, परंतु जब आप हरी मिर्च की खेती व्यापारिक उद्देश्य से करते हैं तो इसे ही ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस अर्थात हरी मिर्च की खेती कहा जाता है। हरी मिर्च का इस्तेमाल बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे कि मसाला बनाने वाली कंपनियां, टमाटर सॉस बनाने वाली कंपनियां, मैगी मसाला बनाने वाली कंपनियां इसका इस्तेमाल अपने आइटम में करती हैं। हरी मिर्ची की डिमांड हमेशा ही मार्केट में होती है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति Green Chili Farming Business शुरू करता है तो इस बिजनेस के अंतर्गत तैयार हरी मिर्च को बेचने के लिए उसे चिंता करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि उसका तैयार माल हाथों-हाथ बिक जाएगा। खाने पीने की चीजों में इसका ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसलिए अधिकतर आपको कस्टमर फूड की फील्ड से संबंधित ही मिलेंगे।
हरी मिर्च की खेती का बिजनेस की शुरुआत कैसे करें (How to Start Green Chili farming Business)
ग्रीन चिल्ली क्या है और ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस क्या है के बारे में जानने के पश्चात अगर आपने यह निश्चय कर लिया है कि अब आप इस बिजनेस की शुरुआत करेंगे तो आइए अब आगे जानते हैं कि ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस कैसे करते हैं।
जलवायु पर ध्यान दें
इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न जानकारियों के अनुसार हरी मिर्च की खेती करने के लिए ऐसा इलाका बेहतरीन माना जाता है, जहां की जलवायु गर्म होती है। हालांकि हमने यह भी पाया कि हरी मिर्च की खेती किसी भी जगह पर अर्थात किसी भी जलवायु में की जा सकती है। क्योंकि ठंडी के मौसम में भी इसकी खेती की जाती है और ठंडी के मौसम में भी काफी अच्छी पैदावार हरी मिर्च की प्राप्त होती है। हरी मिर्च के पौधों को तकरीबन 100 सेंटीमीटर बरसात वाले क्षेत्र में उगाया जा सकता है। हालांकि हरी मिर्च की फसल पर ज्यादा होता है इसलिए पहले से इसे बचाना चाहिए।
हरी मिर्ची की खेती के लिए मिट्टी
ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस के लिए आपको ऐसी मिट्टी का चयन करना चाहिए, जहां पर पानी निकासी की अच्छी सुविधा उपलब्ध हो। हालांकि आपको हम यह भी बता दें कि ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत आप किसी भी प्रकार की मिट्टी में कर सकते हैं। क्योंकि अधिकतर प्रकार की मिट्टी में हरी मिर्च की खेती की जा सकती है। अगर आप हरी मिर्च की खेती कार्बनिक पदार्थों से युक्त मिट्टी में करते हैं तो हरी मिर्च की बंपर पैदावार आपको प्राप्त होती है।
खेत को तैयार करें
ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत करने के लिए आपको जमीन को ट्रैक्टर और रोटावेटर के द्वारा तकरीबन 5 से 6 बार जोतना चाहिए और उसके पश्चात आपको पाटा फेर कर उसे समतल बना लेना चाहिए। यहां पर यह बात ध्यान रखने योग्य है कि जब आप खेत की जुताई करें तो उसी दरमियान आपको तकरीबन 300 से 400 कुंटल गाय के गोबर की खाद को भी खेत में डाल देना है। अगर आपके आसपास मुर्गी फार्म है, तो आप मुर्गी फार्म से निकली हुई खाद को भी यहां पर डाल सकते हैं। मुर्गी फार्म वाली खाद भी काफी अच्छा असर फसलों पर छोड़ती है। हमने खुद व्यक्तिगत तौर पर मुर्गी फार्म की खाद का इस्तेमाल किया हुआ है। इसके पश्चात आपको थोड़ी थोड़ी दूरी पर उचित आकार में कियारी का निर्माण कर लेना है।
हरी मिर्ची की उन्नत किस्म का चयन करें
हरी मिर्च की खेती के लिए मिर्ची के पौधे के कई ब्रांड मार्केट में उपलब्ध है, उनमें से आप अपने इलाके की जमीन और जलवायु के हिसाब से किसी अच्छे ब्रांड का चयन कर सकते हैं। इस बात को आपको हमेशा ध्यान में रखना है कि आप जिस हरी मिर्ची की किस्म का सिलेक्शन कर रहे हैं उसमें एंटीवायरस की क्षमता होनी चाहिए। अगर आप सोच समझकर हरी मिर्च की उन्नत किस्म का चयन करते हैं तो हरी मिर्च की पैदावार अच्छी होने की संभावना ज्यादा होती है
हरी मिर्ची की नर्सरी और रोपाई का समय
Green Chili Farming Business के लिए जब नर्सरी तैयार करने की बारी आए तो आपको इस बात को ध्यान में रखना है कि 10 से लेकर के 15 फुट से ज्यादा नर्सरी की लंबाई नहीं होनी चाहिए और उसकी चौड़ाई भी 2.33-3 फुट से ज्यादा न हो। इसके अलावा आपको पौधशाला की ऊंचाई भी 6 इंच से ज्यादा नहीं रखनी चाहिए साथ ही आपको बीज बोने के लिए गहरी नाली का निर्माण करना चाहिए और उसमें 5 से 7 सेंटीमीटर के अंदर पर बीज बोना चाहिए। आपको एक ही लाइन में बीज बोना चाहिए। याद रखें कि ग्रीन चिल्ली की नर्सरी में से पानी निकलने की उचित व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए, क्योंकि अगर पानी इकट्ठा होता है तो इससे मिर्ची के पौधे को नुकसान हो सकता है अथवा उसमें सीलन भी आ सकती है। इसके अलावा नर्सरी ऐसी जगह पर स्थापित करना चाहिए जहां पर डायरेक्ट धूप पौधों पर पड सके।
ग्रीन चिल्ली नर्सरी की देखभाल करें
नर्सरी की उचित देखभाल करके ही आप सही प्रकार से हरी मिर्च के पौधे को तैयार कर सकेंगे। इसके लिए आपको समय-समय पर पौधों को पानी देते रहना चाहिए, ताकि वह पानी प्राप्त करने के बाद सही प्रकार से विकास कर सकें। अगर आपके द्वारा गर्मी के मौसम में हरी मिर्ची की खेती की जा रही है तो आपको हर 2 दिन के अंतराल में नर्सरी में पानी अवश्य देना चाहिए। क्योंकि गर्मियों के मौसम में पौधों को अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है। अगर आपके द्वारा बरसात के मौसम में इसकी खेती की जा रही है तो आपको नर्सरी में से पानी निकालने की उचित व्यवस्था का प्रबंध करना चाहिए, साथ ही समय-समय पर आपको पौधे के आसपास जो फर्जी घास जमा हो गई है, उन्हें भी दूर करने की व्यवस्था करनी चाहिए।
ग्रीन चिल्ली के पौधों की सिंचाई व निराई-गुड़ाई
ग्रीन चिल्ली की खेती में जब आप पौधों की रोपाई कर दे तो उसके तुरंत बाद ही आपको पहली सिंचाई कर देनी चाहिए। अगर आप गर्मी के मौसम में इसकी खेती कर रहे हैं, तो आपको पौधों की रोपाई करने के बाद तो सिंचाई करनी ही चाहिए, इसके बाद आपको तकरीबन हर 5 से 7 दिनों के अंतराल में वही ठंडी के मौसम में आपको 10 से 15 दिनों के अंतराल में खेत की सिंचाई करनी चाहिए। यहां पर यह बात भी आवश्यक है कि जब तक आपको हरी मिर्च की खेती के तहत मिर्ची के पौधे में फूल या फिर फल ना दिखाई देना चालू हो जाए, तब तक आपको सिंचाई करते रहना चाहिए। हालांकि सिंचाई निश्चित मात्रा में ही होनी चाहिए। अधिक मात्रा में पौधों को पानी देने से वह खराब भी हो सकते हैं।
तैयार हरी मिर्च की तुड़ाई
जब हरी मिर्च के पौधे में फल लग जाते हैं, तो उसके तकरीबन 15 से लेकर के 25 दिनों के पश्चात उसकी तुड़ाई करना शुरू किया जा सकता है। हालांकि आपको यहां पर यह बात भी ध्यान में रखनी है कि पहली तुड़ाई करने के बाद दूसरी तुड़ाई आपको तभी करना चाहिए। जब पहली तुड़ाई करे हुए तकरीबन 12 से 17 दिन बीत चुके हैं। अगर व्यक्ति के द्वारा वैज्ञानिक तरीके से ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस किया जाता है तो प्रति हेक्टेयर उसे 140 से लेकर के 190 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त हो सकती है।
हरी मिर्ची की खेती के बिजनेस में कर्मचारी (Green Chili Farming Business Staff)
Green Chili Farming Business में आपको कितने कर्मचारियों को काम पर रखना होगा यह डिपेंड करता है कि आपके द्वारा कितने बड़े पैमाने पर इस बिजनेस को किया जा रहा है। अगर एक से 3 बीघा में ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस को किया जा रहा है, तो आपको अपने अलावा 1 अन्य कर्मचारी को काम पर रखना होगा। आप दोनों मिलकर के 1 से 3 बीघा की खेती को आसानी से संभाल लेंगे। परंतु इससे अधिक के इलाके में ग्रीन चिल्ली फार्म बिजनेस किया जा रहा है तो आपको और कर्मचारी को काम पर रखने की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो जितनी अधिक जमीन पर इसकी खेती की जाएगी, उसी के हिसाब से आपको कर्मचारियों को नौकरी पर रखना होगा। हालांकि याद रखें कि कर्मचारी को नौकरी पर रखने से पहले उनके काम के समय और हर महीने की तनख्वाह के बारे में सभी बातों को क्लियर कर ले, ताकि बाद में किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से आप बचे रहे।
हरी मिर्ची की खेती के बिजनेस में लागत (Green Chili Farming Business Investment)
इस बिजनेस को शुरू करने में आपका जो मुख्य खर्चा है, वह हरी मिर्ची के बीज की खरीदारी करने का खर्चा ही है। इसके अलावा इस फार्मिंग बिजनेस को करने के लिए आपको अन्य साधनों की भी आवश्यकता होती है, जिनके दाम हर राज्य में अथवा हर जिले में अलग-अलग होते हैं। इस प्रकार से सटीक तौर पर तो यह नहीं कहा जा सकता है कि ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत करने में आपको कितना इन्वेस्टमेंट करना पड़ सकता है। जब आप वास्तव में इस बिजनेस को शुरू करने का प्लान बनाएंगे, तभी आपको यह पता चलेगा कि आपको कितने पैसे की आवश्यकता ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस को शुरू करने में होगी। हालांकि अंदाज के तौर पर एक बीघा में इसकी खेती करने के लिए आपको तकरीबन 3000 से लेकर के ₹3800 तक का इन्वेस्टमेंट करना पड़ सकता है। इस प्रकार से आप प्रति बीघा के हिसाब से इन्वेस्टमेंट की गणना कर सकते हैं।
हरी मिर्ची की खेती के बिजनेस में मशीनरी एवं उपकरण ( Green Chili Farming Business Machinery and Equipment)
ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस में साधन के तौर पर आपको खेत की सिंचाई करने के लिए या तो डीजल इंजन की आवश्यकता पड़ेगी या फिर इलेक्ट्रॉनिक मोटर की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा खेत तक पानी पहुंचाने के लिए आपको प्लास्टिक की पाइप की भी आवश्यकता पड़ेगी साथ ही निराई और गुड़ाई करने के लिए कुदार, खुरपी जैसी चीजों की जरूरत भी पड़ेगी। इसके अलावा फसल को पाले से बचाने के लिए आपको प्लास्टिक की बहुत ही पतली झिल्ली की भी आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा भी कई छोटे-मोटे उपकरण है जिनकी व्यवस्था आपको इस बिजनेस की शुरुआत करने से पहले करनी चाहिए।
हरी मिर्ची की खेती के बिजनेस की मार्केटिंग (Green Chili Farming Business Marketing)
ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस की मार्केटिंग करने के कई तरीके उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ तरीके ऑनलाइन है तो कुछ ऑफलाइन है।
- ऑफलाइन तरीके से इस बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए आपको अपने बिजनेस का बैनर शहर के या फिर अपने इलाके के आसपास के व्यस्त चौराहे पर लगाना चाहिए और उस बैनर में अपना फोन नंबर तथा बिजनेस का एड्रेस अवश्य देना चाहिए।
- इसके अलावा आपको ऑटो रिक्शा के पीछे भी अपने बिजनेस का विज्ञापन देना चाहिए। आप चाहे तो छोटे-छोटे पेंपलेट प्रिंट करवा करके भी उसका वितरण लोगों के घरों में करवा सकते हैं या फिर अपने शहर के मुख्य अखबार में अपने बिजनेस का विज्ञापन प्रिंट करवा सकते हैं।
- इसके अलावा ऑनलाइन तरीके से मार्केटिंग करने के लिए आप सोशल मीडिया पर अपने बिजनेस के बैनर का अथवा विजिटिंग कार्ड का स्टेटस लगा सकते हैं या फिर अपने दोस्तों से भी अपने ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए कह सकते हैं।
हरी मिर्ची की पैकेजिंग (Green Chili Packaging)
अगर आप तैयार ग्रीन चिल्ली का वितरण किसी कंपनी को या फिर किसी शॉपिंग मॉल में करते हैं तो आपको अपने ग्रीन चिल्ली की पैकेजिंग पर भी विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए। पैकेजिंग ऐसी होनी चाहिए जो देखने में काफी आकर्षक लगती हो, ताकि कस्टमर का ध्यान खुद ब खुद आपके ग्रीन चिल्ली आइटम पर जाएं। इसके अलावा पैकेजिंग पर साफ तौर पर आइटम की कीमत और आइटम की न्यूट्रिशन वैल्यू छपी हुई होनी चाहिए, साथ ही आइटम का वजन भी साफ तौर पर पैकेजिंग पर अंकित होना चाहिए। इसके अलावा आपके फार्मिंग बिजनेस का अगर कोई लोगो है तो उसे भी आप पैकेजिंग पर प्रिंट करवा सकते हैं, साथ ही आपको एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर भी इस पर प्रिंट करवाना चाहिए।
हरी मिर्ची की खेती के बिजनेस में लाइसेंस और पंजीकरण ( Green Chili Farming Business License and Registration)
- ग्रीन चिल्ली फार्मिंग बिजनेस के लिए लाइसेंस के तौर पर आपके पास बिजली कनेक्शन होना चाहिए। हालांकि यह तभी आवश्यक है जब आप बिजली मोटर से खेत की सिंचाई करते हो। इसके लिए आपको कमर्शियल कनेक्शन लेना चाहिए। अगर आप डीजल इंजन से सिंचाई करते हैं तो आपको कमर्शियल बिजली कनेक्शन लेने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
- इसके अलावा अगर आप तैयार हरी मिर्च को डायरेक्ट किसी शॉपिंग मॉल में या फिर किसी कंपनी को सेल कर रहे हैं तो आपके पास फूड लाइसेंस होना चाहिए जो कि एफएसएसएआई के द्वारा जारी किया जाता है।
- इसके अलावा आपके लोकल एरिया में अगर इस बिजनेस को करने के लिए किसी अन्य लाइसेंस की अथवा पंजीकरण की आवश्यकता होती है तो उस पर भी आप को ध्यान देना चाहिए।
हरी मिर्ची की खेती के बिजनेस में फायदा (Green Chili Farming Business Profit)
हर राज्य में अथवा हर इलाके में 1 किलो अथवा 1 कुंटल अथवा 1 टन हरी मिर्च की कीमत अलग-अलग होती है, वही हरी मिर्ची की कीमतों में थोक की खरीदारी में अलग दाम होता है और फुटकर की खरीदारी में अलग कीमत होती है। इसलिए सटीक तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि आपको इस बिजनेस के द्वारा कितना फायदा हो सकता है। हालांकि यह बात 100 पर्सेंट सच है कि यह एक नगदी बिजनेस है अर्थात जब आप अपनी तैयार फसल को मार्केट में बेचने के लिए ले जाते हैं तो हाथों-हाथ आपको इसके नगद पैसे प्राप्त हो जाते हैं। लगभग अधिकतर खाने के आइटम में हरी मिर्च डाली ही जाती है। इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है, तो इस प्रकार से आप समझ सकते हैं कि यह बिजनेस करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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FAQ
Q : हरी मिर्च का व्यापार कैसे करें?
Ans : हमने आपको आर्टिकल में मिर्ची फार्मिंग बिजनेस की जानकारी विस्तार से दी हुई है।
Q : हरी मिर्ची की खेती में कितना पैसा लगता है?
Ans : खेती की जमीन के हिसाब से इन्वेस्टमेंट तय होता है।
Q : मिर्ची में पहला स्प्रे कौन सा करें?
Ans : मैनकोजेब
Q : सूखी लाल मिर्च कितने रुपए किलो है?
Ans : मुंबई महाराष्ट्र में इसकी कीमत ₹30,000 प्रति क्विंटल है। अन्य राज्यों में कीमत में भिन्नता हो सकती है।
Q : मिर्च पाउडर का बिजनेस कैसे करें?
Ans : इससे संबंधित जानकारी आपको इंटरनेट के माध्यम से या फिर यूट्यूब वीडियो के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी।
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