[2023]How to Open Hospital in India Hindi भारत में हॉस्पिटल कैसे खोलें

भारत में हॉस्पिटल कैसे खोलें, मैनेजमेंट, प्रचार, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, निवेश, लाभ, मार्केटिंग, सही  जगह (How to Open Hospital in India Hindi) (How to Start Hospital Business in India, How much Money required, Investment, Profit, License, Registration, Marketing, Location)

How to Open Hospital in India आज के समय में मेडिकल की फील्ड में अच्छा करियर स्कोप होने के कारण हर साल कई विद्यार्थी मेडिकल से संबंधित कोर्स करते हैं और हर साल कई विद्यार्थी मेडिकल का कोर्स पास करके अपनी डिग्री हासिल करते हैं। कई ऐसे विद्यार्थी होते हैं जो मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर या फिर नर्स बनने की इच्छा रखते हैं वहीं कई विद्यार्थी अपना खुद का हॉस्पिटल खोलने की इच्छा रखते हैं। अगर आप भी खुद का हॉस्पिटल खोलना चाहते हैं तो आपको आसानी से हॉस्पिटल का स्टाफ प्राप्त हो जाएगा।

How to Open Hospital

Table of Contents

हॉस्पिटल कैसे खोलें (How to Open Hospital )

कंपटीशन बढ़ जाने के कारण कई लोगों को अब गवर्नमेंट नौकरी प्राप्त नहीं हो पाती है, ऐसे में जिन लोगों ने मेडिकल से संबंधित पढ़ाई की होती है उनके पास मेडिकल की Field में जाने का रास्ता खुला हुआ होता है। अगर आपने मेडिकल की पढ़ाई की है तो आप हॉस्पिटल ओपन कर सकते हैं और हॉस्पिटल में काम करने के लिए स्टाफ आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। खुद का हॉस्पिटल ओपन करने के लिए आपको क्या करना पड़ेगा और किन बातों का ध्यान रखना पड़ेगा, आइए इस पर चर्चा करते हैं।

हॉस्पिटल क्या होता है (What is Hospital)

बता दें कि हॉस्पिटल को हिंदी में अस्पताल कहा जाता है। यह एक ऐसा इंस्टिट्यूट होता है जहां पर डॉक्टर और उनके स्टाफ के द्वारा पेशेंट की देखभाल की जाती है और उसकी उचित ट्रीटमेंट की जाती है तथा उसे जल्द से जल्द स्वस्थ बनाने का काम किया जाता है। हॉस्पिटल में मरीजों के हिसाब से अलग-अलग रूम होते हैं जहां पर उसका इलाज किया जाता है। बड़े हॉस्पिटल के अंदर पेशेंट का इलाज करने के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है।

हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट कितने हैं (Hospital Departments)

मुख्य तौर पर हर अस्पताल में दो प्रकार के डिपार्टमेंट होते हैं जिसमें पहला होता है बहीरंग विभाग यानी कि ओपीडी और दूसरा होता है अंतरंग विभाग यानी कि आईपीडी, इन दोनों डिपार्टमेंट का निर्माण उस जगह की जनता की आवश्यकता के हिसाब से किया जाता है जहां पर हॉस्पिटल होता है।

बहिरंग विभाग (OPD)

ओपीडी डिपार्टमेंट में पेशेंट की बॉडी के बाहरी पार्ट की ही मेडिकल ट्रीटमेंट की जाती है जिसके अंतर्गत उन्हें 5 से 10 मिनट में ही मरहम या पट्टी लगाकर के घर भेज दिया जाता है। इस डिपार्टमेंट में पेशेंट को भर्ती नहीं किया जाता है। ओपीडी डिपार्टमेंट के अंदर इंक्वायरी काउंटर भी आता है जहां पर पेशंट अथवा उसके परिवार वाले ट्रीटमेंट से संबंधित इंक्वायरी कर सकते हैं। इसके अलावा उनके बैठने की व्यवस्था भी होती है। पीने के पानी की व्यवस्था भी होती है। ओपीडी डिपार्टमेंट के अंदर आने वाली चीजों में ट्रीटमेंट, छोटी मोटी सर्जरी, पैथोलॉजी, स्त्री रोग, ऑर्थोपेडिक, नेत्र, दांत, रोग, चरम रोग, पीडियाट्रिक्स आदि चीजें आती हैं.

अंतरंग विभाग (IPD)

आईपीडी डिपार्टमेंट में पेशेंट की स्थिति को देखकर और बहुत ही विषम बीमारियों का ट्रीटमेंट किया जाता है। आईपीडी डिपार्टमेंट में रोगी और उसके परिवार वालों के ठहरने की व्यवस्था होती है क्योंकि IPD डिपार्टमेंट में जिन बीमारियों का ट्रीटमेंट किया जाता है वह 1 दिन में पूरी नहीं हो पाती है। इसीलिए वहां पर बड़े-बड़े रूम बनाए जाते हैं ताकि रोगी की देखभाल के लिए उसके परिवार का कोई सदस्य रह सके। आईपीडी डिपार्टमेंट के अंदर एक्स रे, आधुनिक ट्रीटमेंट मशीन आती है।

हॉस्पिटल का कंस्ट्रक्शन कैसा होना चाहिए (How should be the Construction of the Hospital)

अस्पताल का कंस्ट्रक्शन इस बात पर होता है कि उस अस्पताल में कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज किया जाएगा और किस बीमारी के इलाज के लिए कितने रूम बनाए जाएंगे। अस्पताल का कंस्ट्रक्शन करने के लिए सबसे पहले आर्किटेक्चर के द्वारा अस्पताल की डिजाइन तैयार की जाती है और अस्पताल में उपलब्ध होने वाली सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल का कंस्ट्रक्शन चालू होता है। आपको यह समझना होगा कि हॉस्पिटल खोलने के लिए आपको भारी-भरकम अमाउंट इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। इसके अलावा हॉस्पिटल को लगातार चलाने के लिए भी आपको पैसे की व्यवस्था करनी पड़ेगी। इसलिए आपको इन सभी बातों का ध्यान रखना है वरना आगे चल कर के आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।

हॉस्पिटल खोलने का नियम क्या है (What is the Rule of opening Hospital)

आपको हॉस्पिटल खोलने के लिए नियम हम गवर्नमेंट के द्वारा साल 2014 में जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार बता रहे हैं।

  • तकरीबन 2500 वर्ग गज की जगह प्राइवेट हॉस्पिटल खोलने के लिए होनी चाहिए।
  • अस्पताल के बाहर पार्किंग की अच्छी सुविधा होनी चाहिए।
  • किसी अस्पताल में 10 बेड हैं तो कम से कम अस्पताल के बाहर 15 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए।
  • 12 मीटर या फिर उससे ज्यादा की चौड़ाई वाली सड़क वहां पर होनी चाहिए जहां पर अस्पताल स्थित है।
  • अस्पताल खोलने वाले व्यक्ति को पोलूशन, फायर का एनओसी सम्बन्धित विभाग से प्राप्त करना होगा।
  • मेडिकल शॉप के साथ मेडिकल वेस्ट को फेंकने के लिए उचित प्रबंध हॉस्पिटल में होना चाहिए।
  • बिल्डिंग प्लान के अंतर्गत ही हॉस्पिटल का कंस्ट्रक्शन होना चाहिए।
  • एमआईसी के रूल्स का पालन करना आवश्यक है।

हॉस्पिटल खोलने के लिए आवश्यक रजिस्ट्रेशन कौन से हैं (Required Registration)

  • अगर आप किराए की जगह पर हॉस्पिटल खोल रहे हैं तो आपको रेंट एग्रीमेंट करवाना पड़ेगा और अगर आप खुद की जगह पर हॉस्पिटल खोल रहे हैं तो आपको नगर निगम या फिर नगर पालिका से परमिशन लेनी होगी।
  • हॉस्पिटल की सिक्योरिटी के लिए आपको पुलिस स्टेशन में भी अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा ताकि किसी भी प्रकार का हादसा होने पर पुलिस आपकी सहायता के लिए पहुंच सके।
  • हॉस्पिटल से निकलने वाले वेस्ट को बाहर डंप करने के लिए आपको नगर पालिका से परमिशन लेनी होगी और इसके लिए आपको सफाई डिपार्टमेंट से लाइसेंस हासिल करना होगा।
  • हॉस्पिटल में आग लगने की अवस्था में सेफ्टी के साधन होने चाहिए। इसलिए आपको हॉस्पिटल में आग से बचाने के लिए आवश्यक उपकरण रखने चाहिए। इसके अलावा आपको फायर डिपार्टमेंट से सिक्योरिटी सर्टिफिकेट का परमिट भी लेना होगा।
  • लिफ्ट की सर्विस देने पर आपको लिफ्ट के लिए सिक्योरिटी डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेना होगा।
  • मेडिकल फार्मेसी का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपका खुद का या फिर आपके पार्टनर का फार्मेसी की डिग्री का फार्म काउंसिल में पंजीकरण होना आवश्यक है जिसके बाद आप दो प्रकार से लाइसेंस पा सकते हैं। पहला रिटेल ड्रग लाइसेंस जोकि ग्राहक को कम मात्रा में दवाई की डायरेक्ट सेलिंग करने के लिए दिया जाता हैं। और दूसरा होल सेल ड्रग लाइसेंस जोकि ड्रग के होलसेल डीलर को दिया जाता है।
  • खाद्य और औषधि प्रशासन डिपार्टमेंट के स्टेट लाइसेंस ऑफिसर से आपको ब्लड बैंक के लिए लाइसेंस लेना होगा जिससे आप हर 10 साल में रिन्यू करवा सकेंगे।
  • एंबुलेंस लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको स्टेट गवर्नमेंट के हेल्थ डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा।
  • एनवायरमेंट से रिलेटेड परमिशन आपको हेल्थ एंड एनवायरमेंट डिपार्टमेंट से लेनी होगी।
  • आपको जीएसटी नंबर और टीन नंबर भी प्राप्त करना होगा।
  • अगर आप अपने हॉस्टल को पब्लिक और प्राइवेट लिमिटेड बनाने की इच्छा रखते हैं तो आपको कॉमर्स एंड इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

हॉस्पिटल कहां खोलें (Where to Open Hospital)

बता दे हॉस्पिटल आप जहां पर भी खोलेंगे यह वहीं पर चलने लगेगा। हालांकि अगर इसे आप ऐसी जगह पर खोलते हैं जहां पर लोगों का ज्यादा आवागमन नहीं है तो इसके चलने की संभावना तो है परंतु आपकी कमाई कम होगी। हॉस्पिटल आपको कम से कम 20,000 से 30,000 की आबादी वाले इलाके में खोलना चाहिए क्योंकि ऐसी अवस्था में आपके पास अधिक मात्रा में पेशेंट आएंगे जिसके कारण आप की कमाई भी ज्यादा होगी। इसके अलावा अगर आपको भीड़भाड़ वाले इलाके में हॉस्पिटल खोलने के लिए जगह मिल जाती है तो यह और भी अच्छी बात है। आप हॉस्पिटल चाहे तो किसी स्कूल के आसपास या फिर रोड के किनारे अथवा मुख्य शहर में अथवा गांव के किसी बाजार में ओपन कर सकते हैं।

हॉस्पिटल में क्या होना जरूरी है (What is Important to have in the Hospital)

• इमरजेंसी रूम

• जनरल सर्जरी

• प्रेगनेंसी एंड फीमेल रोग

• बाल रोग

• आंतरिक ट्रीटमेंट

• मेंटल साइंस

• रेडियोलोजी

• आईसीयू केयर यूनिट

• पीने के पानी की सुविधा

• एंबुलेंस की सुविधा

• मरीजों के परिवार वालों के लिए रहने की सुविधा

• इंक्वायरी काउंटर

• सभी प्रकार की बीमारियों के लिए अलग-अलग रूम

• नर्स

• डॉक्टर

• हॉस्पिटल खोलने के लिए जरूरी साधन

अस्पताल में डॉक्टर/नर्स/कंपाउंडर (Doctors/Nurse/Compounder in Hospital)

अस्पताल खोलने के लिए और अपने अस्पताल को सही तरीके से चलाने के लिए आपको अनुभवी और एक्सपर्ट डॉक्टर को ही अस्पताल में काम करने के लिए रखना चाहिए। क्योंकि जब एक्सपर्ट डॉक्टर आपके अस्पताल में रहेगा तो वह मरीजों को ज्यादा मात्र में ठीक करेगा जिसके कारण आपके अस्पताल का नाम हर जगह फैलेगा और आपके हॉस्पिटल में अधिकतर पेशेंट आएंगे। हॉस्पिटल में डॉक्टर के अलावा नर्स और कंपाउंडर की भी आवश्यकता होती है। इसके लिए जिन लड़के और लड़कियों ने मेडिकल की पढ़ाई की है आप उन्हें हॉस्पिटल में नौकरी दे सकते हैं। हॉस्पिटल में आप जिन नर्स और कंपाउंडर को रखें, उनमे अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली मशीनों की जानकारी होनी चाहिए और थोड़ा बहुत मरीजों का उपचार करना भी उन्हें आना चाहिए।

अस्पताल के लिए मशीनें (Machinery for Hospital)

अस्पताल में आपको अच्छी क्वालिटी वाली मशीने रखनी चाहिए क्योंकि यही मशीनें विषम परिस्थितियों में रोगी की जान बचाने का काम करती है। अस्पताल में यूज होने वाली कुछ मुख्य मशीनें इस प्रकार है।

• वेंटिलेटर

• इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राफी

• डायलिसिस मशीन

• सेंट्रल लाइन

• पल्स ऑक्सीमीटर

• ईईजी बॉक्स/इलेक्ट्रोड्स

• आईसीयू मैट्रेस

• बेडसाइड मॉनिटर

• इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प

• फीडिंग ट्यूब व पम्प

अस्पताल के लिए एंबुलेंस (Ambulance for Hospital)

किसी भी अस्पताल के लिए एंबुलेंस की सुविधा बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है क्योंकि जब आप का अस्पताल फेमस होने लगता है तब उसमें अधिक मरीज आने लगते हैं। ऐसे में मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आपको एंबुलेंस की व्यवस्था करनी पड़ती है जो मरीजों को इमरजेंसी की हालत में उनके घर से या फिर घटनास्थल से लाती है और उनका ट्रीटमेंट होने के बाद उन्हें उनके घर तक छोड़ने का काम भी करती है। इसके अलावा क्रिटिकल कंडीशन में एंबुलेंस के द्वारा ही मरीजों को एक हॉस्पिटल से दूसरे किसी बड़े हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाता है।

हॉस्पिटल खोलने में गवर्नमेंट क्या सहायता करेगी (What will the govt. Help to opening the Hospital)

जमीन से सम्बन्धित मामले में ही गवर्नमेंट आपको प्राइवेट हॉस्पिटल खोलने की अवस्था में सहायता करती है। अगर कोई व्यक्ति हॉस्पिटल किसी पिछड़े इलाके में ओपन करना चाहता है तो इसके लिए गवर्नमेंट की तरफ से तकरीबन 75 परसेंट पैसा जमीन खरीदने के लिए व्यक्ति को दिया जाता है। इसके अलावा अगर आप प्रखंड इलाके में हॉस्पिटल ओपन करना चाहते हैं तो स्टेट गवर्नमेंट के द्वारा आपको जमीन खरीदने के लिए तकरीबन 50 परसेंट की सहायता मिलती है और अगर आप सिटी इलाके में हॉस्पिटल ओपन करना चाहते हैं तो 25 परसेंट की सहायता गवर्नमेंट आपको जमीन खरीदने के लिए देती है। इसके अलावा डॉक्टर, नर्स, ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर और दवाइयों का प्रबंध आपको खुद ही करना होता है।

हॉस्पिटल खोलने के लिए कितना इन्वेस्ट करना पड़ेगा (Investment)

हॉस्पिटल खोलना एक भारी-भरकम इन्वेस्ट मांगता है और अगर आप अधिक पैसे लगा करके हॉस्पिटल खोलते हैं तो आपकी कमाई भी ज्यादा होगी। हॉस्पिटल स्टार्ट करने के लिए स्टार्टिंग में तकरीबन 5 लाख रुपए तक की लागत आपको लगानी पड़ती है तभी आप अपने हॉस्पिटल में अच्छी सर्विस उपलब्ध करवा सकेंगे। आप चाहे तो अपने किसी पार्टनर के साथ भी मिलकर के हॉस्टल खोल सकते हैं अथवा बैंक से हॉस्पिटल खोलने के लिए लोन भी ले सकते हैं। अगर आपका कोई दोस्त या परिचित व्यक्ति डॉक्टर है तो आप उसके साथ मिलकर के हॉस्पिटल चालू कर सकते हैं और उसे हॉस्पिटल में ही नौकरी भी दे सकते हैं।

अपने हॉस्पिटल की प्रचार कैसे करें (Marketing)

आप जितना अधिक से अधिक अपने हॉस्पिटल की मार्केटिंग करेंगे उतना ही ज्यादा फायदा आपको होगा। अपने हॉस्पिटल की मार्केटिंग करने के लिए आप न्यूज़पेपर, मैगज़ीन का सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा आप हॉस्पिटल के आसपास के तकरीबन 20 से 30 किलोमीटर के दायरे में अपने हॉस्पिटल का बैनर भी रोड के बगल में लगवा सकते हैं। आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपने हॉस्पिटल का प्रचार कर सकते हैं। छोटे-छोटे पैंपलेट बटवा करके आप अपने हॉस्पिटल की मार्केटिंग कर सकते हैं। अगर आपके पास अच्छा खासा बजट है तो आप अपने लोकल टीवी चैनल में भी अपने हॉस्पिटल की एडवर्टाइजमेंट दे सकते हैं। यूट्यूब चैनल बना करके भी आप अपने हॉस्पिटल का प्रमोशन कर सकते हैं। जब आपका हॉस्पिटल एक बार चलने लगता है तब आपको अपने हॉस्पिटल की मार्केटिंग करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता है क्योंकि आपके हॉस्पिटल में आने वाले मरीज ही आपके हॉस्पिटल की मार्केटिंग करते हैं।

हॉस्पिटल खोलने पर कितना फायदा होगा (Profit)

अगर आप बिजनेस के नजरिए से हॉस्पिटल को देखते हैं तो आप इससे बहुत ही अच्छे पैसे कमा सकते हैं। हॉस्पिटल से आप कितने पैसे कमा सकते हैं यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आपके हॉस्पिटल में कितने ज्यादा से ज्यादा मरीज आते हैं, साथ ही आप उन्हें कौन सी सर्विस देने पर कितना चार्ज लेते हैं। यह आप अपने हिसाब से तय कर सकते हैं कि आप मरीजों को अपने हॉस्पिटल में जो सुविधा देंगे उसके बदले में आप कितना चार्ज लेंगे। एक नॉर्मल हॉस्पिटल भी महीने के ₹3,00000 से लेकर के ₹4,00000 तक कमा लेता है और अगर आपका बड़ा हॉस्पिटल है तो आपकी महीने कमाई 40,00000 से 50 लाख तक भी जा सकती है।

हॉस्पिटल खोलने में जोखिम क्या है (Risk)

अगर आपने हॉस्पिटल खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है और अगर आपके हॉस्पिटल में किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो जाती है जैसे कि आग लगना अथवा किसी मरीज की मृत्यु हो जाना तो गवर्नमेंट के द्वारा आपके हॉस्पिटल को सील किया जा सकता है और आपके ऊपर तथा आपके अस्पताल के स्टाफ के ऊपर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इसके अलावा कभी-कभी हॉस्पिटल में मरीज की प्राकृतिक तरीके से मौत होने पर मरीज के परिजनों के द्वारा हंगामा भी किया जाता है, ऐसी अवस्था में अस्पताल में तोड़फोड़ होने की भी संभावना रहती है। अगर आपके हॉस्पिटल में अनुभवी नर्स व कंपाउंडर नहीं है तो मरीजों को उचित ट्रीटमेंट नहीं प्राप्त पाता है जिसके कारण कभी-कभी मरीज की हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो जाती है और ऐसी अवस्था में उसे दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करना पड़ता है जिसके कारण आपके हॉस्पिटल की बदनामी भी होती है।

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FAQ

Q : इंडिया में प्राइवेट हॉस्पिटल ओपन करने में कितना खर्चा आता है?

Ans : यह इस बात पर आधारित होता है कि आप कितने बड़े अथवा छोटे लेवल पर अस्पताल खोलना चाहते हैं और आप उसमें कौन-कौन सी सुविधाएं देना चाहते हैं।

Q : हॉस्पिटल चालू करके कितना फायदा पा सकते हैं?

Ans : स्टार्टिंग में तकरीबन एक से दो लाख। अगर हॉस्टल बड़ा है तो कमाई ज्यादा होगी।

Q : हॉस्पिटल खोलने के लिए कौन से लाइसेंस लेने पड़ते हैं?

Ans : लाइसेंस की इंफॉर्मेशन हमने आर्टिकल में प्रोवाइड की है।

Q : हॉस्पिटल कहां पर चालू करना चाहिए?

Ans : ऐसी जगह पर जहां पर इसके चलने की संभावना ज्यादा हो। सामान्य आंकड़े के अनुसार 20000 से लेकर 30000 की आबादी के बीच आपको हॉस्पिटल खोलना चाहिए।

Q : क्या हॉस्पिटल खोलने से लाभ होता है?

Ans : जी हां बिल्कुल.

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